भिलाई।सेल – भिलाई इस्पात सयंत्र की दो पुरानी फिनिशिंग मिलें, मर्चेंट मिल (एमएम) और वायर रॉड मिल (डब्ल्यूआरएम) ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान अपने प्रदर्शन को बनाए रखा है।
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पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2022-23 में लगभग 12.8% की वृद्धि और डब्ल्यूआरएम में 16.9% की वृद्धि दर्ज की हैं। एमएम विभिन्न प्रकार के एंगल्स और चैनलों के साथ टीएमटी बार का उत्पादन करता है, जबकि डब्ल्यूआरएम विभिन्न प्रकार (वर्ग) के प्लेन और रिब्ड (टीएमटी) वायर रॉड कॉइल दोनों का उत्पादन करता है। एमएम ने नए वित्तीय वर्ष 2023- 24 की शुरुआत से ही कुछ नए रिकॉर्ड बनाए ।
रोलिंग रेट और प्रौद्योगिकी में बदलाव के साथ उत्पादन दर में वृद्धि हुई
सहायक महाप्रबंधक (एमडब्ल्यूआरएम) पुलक कांति बरुआ का कहना है कि मिल के सुचारू संचालन के लिए हर एक स्टैंड के प्रवेश / निकास बॉक्स की निगरानी आवश्यक है। चीफ मास्टर ऑपरेटर (एमडब्ल्यूआरएम) एन हरि नारायण का कहना है कि रोलिंग रेट और प्रौद्योगिकी में बदलाव के साथ उत्पादन दर में वृद्धि हुई है। आधुनिक मिलों की मदद से हम मिल की गति बढ़ा कर, विभिन्न ग्रेड के उत्पादों जैसे ईक्यूआर, एचसीआर का उत्पादन करने में सक्षम हैं।