गरियाबंद में डॉ.अंबेडकर की 132 वी जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई गई. संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा और मानवाधिकार आंदोलन के प्रकांड विद्वता बाबा साहेब डॉक्टर भीमाराव अंबेडकर का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है. डॉ. अंबेडकर की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है.अंबेडकर जयंती के अवसर पर बौद्ध महार समाज के द्वारा अंबेडकर चौक से निकाली गई भव्य शोभायात्रा का तिरंगा चौक और बस स्टेन में भव्य स्वागत किया गया .इस शोभायात्रा में बौद्ध महार समाज के साथ साथ सर्व समाज के के लोगो ने भी इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया निकाली गई भव्य शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया. यह शोभायात्रा गरियाबंद के अंबेडकर चौक से मुख्य बाजार से होते हुए तिरंगा चौक पहुंची जहां सर्व समाज के द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम में वक्ताओं ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा किए गए कार्यों को विस्तार से बताया तथा भारतीय संविधान के बारे में आमजन को जानकारी दी गई.समाज के अध्यक्ष सुजीत कुटारे ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान आसपास के गांवों से भी युवा बाइक लेकर इस भव्य शोभायात्रा में शामिल हुए. यह शोभायात्रा अंबेडकर चौक से शुरू की गई मेन रोड बाज़ार से होते हुए वीर सुरेंद्रसाय महाविद्यालय पहुँचेगी जहां बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुवात होगी,
बाबा साहेब ने पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोए रखा है- अध्यक्ष सुजीत कूटारे
14 अप्रैल को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है। बाबा साहब द्वारा जो संविधान बनाया गया था वह पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोए रखता है। जिस के उपलक्ष में आज सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर उनकी जयंती का आनंद उठा रहे हैं और उन्होंने बताया कि बाबा साहब के इस एकजुटता के संदेश को सभी लोगों को अनुशासन में रहते हुए निभाना चाहिए और अपना चल समारोह निकालते हुए बाबा साहब को याद करके उनका सम्मान रखा जा रहा है। आगे उन्होंने कहा कि बाबा साहब द्वारा रचे गए इस संविधान पर पूरे भारत का समान अधिकार है। सभी नागरिक इस संविधान में समान अधिकार रखते हैं और सभी के लिए यह संविधान बनाया गया है, इसमें कोई भेदभाव नहीं है-
लक्ष्मी रामटेके ने कहा कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने ना सिर्फ देश के संविधान को बनाया बल्कि समरसता के उस भाव को भी आगे बढ़ाया है, जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। अंबेडकर ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने देश की अखंडता एवं एकता के लिए सतत प्रयास किया, उन्होंने ऐसे संविधान का निर्माण किया जिसमें से सभी वर्गों को समानता का भाव मिले।
अध्यक्ष सुजीत कुटारे उपाध्यक्ष किशोर रामटेके कोषाध्यक्ष दिलीप कुमार सेंडे सचिव मुकुंद कूटारे, सुरेंद्र सोनटेके छगन पचाबिये मुक्कू राम टेके भगवंत कूटारे नंद कुमार राम टेके नागेश गजभिए दिलीप कूटारे संजीव रामटेके लक्ष्मी रामटेके, मेधा सुखदेवे, अंजू कुटारे, प्रीति गणवीर, पूर्णिमा गजभीए, गंगा बोरकर, जमुना गजभीए जूनू नेहा कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित-