सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के खिलाफ दर्ज सभी FIR को इंदौर ट्रांसफर कर दिया है। मुनव्वर फारूकी पर एक हिंदू देवी-देवताओं पर कथित तौर से टिप्पणी करने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है।
जस्टिस बी आर गवई और संजय करोल की पीठ ने दिल्ली में प्रोडक्शन वारंट के तहत फारूकी की अंतरिम सुरक्षा को भी तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। शीर्ष अदालत ने इस बात को लेकर स्पष्ट कहा है कि इसे लेकर कानूनी तौर पर विचार किया जाएगा।
SC ने फरवरी में दिए जमानत के आदेश
इस मामले को लेकर SC ने 5 फरवरी, 2021 में फारूकी को अंतरिम जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया था। बता दें कि कोर्ट ने उत्तरप्रदेश में जारी प्रोडक्शन वारंट पर रोक लगा दी थी।
फारूकी ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
दरअसल मुनव्वर फारूकी ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें जमानत याचिका को ठुकरा दिया गया था। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ओर से 28 जनवरी, 2021 में जमानत याचिका खारिज की गई थी। हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि भाईचारे और सदभावना का प्रचार-प्रसार करना हर नागरिक का संवैंधानिक अधिकार है.
साथ ही ये भी कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 15 ए के अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की धार्मिक भावना को भड़काने वाली अनर्गल और अशोभनीय टिप्पणी नहीं कर सकता।
इंदौर के एक कैफे में हुआ कॉमेडी शॉ
बता दें कि 1 जनवरी, 2021 को इंदौर के एक कैफे में कॉमेडी शॉ का आयोजन किया गया था। यहां फारुकी ने हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित तौर पर टिप्पणी की। इसके बाद वहां बैठे दर्शकों में से कुछ लोगों ने उनके खिलाफ हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बारे में चुटकुले बनाने को लेकर शिकायत दर्ज की थी।
फिर पुलिस ने फारुकी और अन्य लोगों को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय कथित अपराधों के लिए गिरफ्तार किया। जिसमें धारा 295-ए भी शामिल है। इस दौरान उनके ऊपर बिना अनुमति के COVID-19 महामारी के बीच शो आयोजित करने का भी आरोप लगाया गया था।