रायपुर। CG NEWS : रायपुर कलेक्टर और एसपी के विरुद्ध रायपुर शहर में हो रहे ध्वनि प्रदूषण के मुद्दे पर दायर अवमानना याचिका की 21 अप्रैल को सुनवाई हो गई है। इस दौरान न्यायमूर्ति पी सेम कोशी और न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू की युगल बेंच ने कलेक्टर और एसपी रायपुर को नया शपथ पत्र प्रस्तुत करने को आदेशित किया।
जिसमें यह बताया जाए कि जनहित याचिका में दिए गए आदेशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि हम आशा करते हैं कि अधिकारी जनहित याचिका में दिए गए आदेश का शब्दश: और मूल भावना में, दिन-प्रतिदिन पालन करके बताएंगे। याचिका की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद रखी गई है। अवमानना याचिका छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा दायर की गई है। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में असंतुष्टी बताते हुए कोर्ट ने नया शपथ पत्र प्रस्तुत करने को आदेशित किया था।
जनहित याचिका में
वर्ष 2016 में जनहित याचिका नितिन सिंघवी विरुद्ध स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़ में आदेशित किया गया था कि:-
गाड़ियों पर साउंडबॉक्स रखकर डीजे बजाने पर कलेक्टर और एसपी सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी वाहन पर साउंड बॉक्स नहीं बजने दिया जाये और मिलने पर साउंड बॉक्स को जब्त किया जाए और बिना मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) के आदेश के साउंड बॉक्स रिलीज नहीं किया जावे।
दुबारा पकड़े जाने पर वाहन का परमिट निरस्त किया जाना है तथा उच्च न्यायालय के आदेश बिना उस वाहन को कोई भी नया परमिट नहीं जारी किया जावेगा।
रात 10 बजे के बाद डीजे बजने पर जप्त किए जागेंगे। शादियों, जन्मदिन और धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित मापदंड से अधिक ध्वनि विस्तार होने पर, पुलिस के मना करने के बावजूद भी आयोजकों द्वारा ध्वनि प्रदूषण करने पर आयोजक के विरुद्ध उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने का अवमानना का प्रकरण दायर किया जाना है।
वाहनों में प्रेशर हॉर्न और मल्टीटोन टोन हॉर्न पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी तत्काल ही उसे वाहन से निकलवा कर नष्ट करेगा तथा रजिस्टर में दर्ज करेगा। अधिकारीगण इस संबंध में वाहन नंबर के साथ मालिक तथा चालक का डेटाबेस इस रूप में रखेगा की दोबारा अपराध करने पर वाहन जब्त किया जावे तथा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बिना जप्त वाहनों को नहीं छोड़ा जा सके।
स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट, ऑफिस से 100 मीटर एरियल डिस्टेंस पर लाउडस्पीकर बजने पर कलेक्टर, एसपी को ध्वनि विस्तार यंत्रों को जप्त करना होगा, जिसको बिना मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) की अनुमति के वापस नहीं किया जावेगा। द्वितीय बार गलती पर जब्त किए गए यंत्रों को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश बिना वापस नहीं किया जाएगा।