CG OLD PENSION NEWS : जगदलपुर। पेंशन के लिए विकल्प पत्र नहीं भरने वाले शासकीय सेवकों काे राज्य शासन ने अंतिम अवसर देते हुए आठ मई तक का समय दिया है। निर्धारित समयसीमा में नई पेंशन (एनपीएस) और पुरानी पेंशन (ओपीएस) में किसी एक का चुनाव करने में शासकीय सेवक यदि रूचि नहीं लेंगे तो स्वमेव इनकी सहमति एनपीएस के लिए मान ली जाएगी। राज्य शासन ने 2004 के बाद नियुक्त शासकीय सेवकों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का निर्णय लिया है। शासन ने शासकीय सेवकों को एनपीएस और ओपीएस में से किसी एक चयन करने पांच मार्च 2023 तक विकल्प भरने का समय दिया था।
बस्तर संभाग के सात जिलों कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर में 55932 शासकीय सेवकों से पेंशन का विकल्प भरने को कहा गया था। निर्धारत समयसीमा में इनमें 53754 ने विकल्प पत्र भरा। 2178 शासकीय सेवकों ने विकल्प पत्र नहीं भरा है। वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 24 अप्रैल को जारी आदेश में जिन कर्मचारियों-अधिकारियों ने विकल्प पत्र नहीं भरा है उनके लिए आठ मई तक का समय दिया है। इस निर्धारित समयसीमा में अनिवार्यत: विकल्प प्रस्तुत करने के लिए कार्यालय प्रमुखों के द्वारा संंबंधित शासकीय सेवकों को पत्र के माध्यम से सूचित करने कहा गया है।
आदेश के अनुसार आठ मई तक यदि संबंधित शासकीय सेवकों द्वारा पुरानी पेंशन याेजना अथवा एनपीएस के चयन में विकल्प प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो भविष्य में किसी प्रकार का विकल्प चयन करने का अवसर आगे नहीं दिया जाएगा। बताया गया कि निर्धारित तिथि तक विकल्प प्रस्तुत नहीं करने वाले शासकीय सेवकों द्वारा स्वमेव एनपीएस हेतु सहमति मान्य करते हुुए आगामी कार्यवाही की जाएगी।
एनपीएस और ओपीएस में किसी एक का विकल्प चुनने में रूचि नहीं दिखाने कुछ ऐसे हैं जहां पति-पत्नि दोनों शासकीय सेवक हैं। इनमें एक ने विकल्प पत्र भरकर पुरानी पेंशन योजना को चुना है तो दूसरे जो एनपीएस के लाभ से पहले से जुड़े हैं उनके द्वारा विकल्प पत्र नहीं दिया गया है। इसी तरह शिक्षक के ऐसे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति 2004 के पहले शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक के पद हुई थी उनमें कुछ ने प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना करने की मांग करते हुए विकल्प पत्र नहीं दिया है।
इनमें कुछ ने हाइकोर्ट में प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा अवधि की गणना की मांग को लेकर याचिका लगा रखी है। ये मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। इनका कहना है कि 2012 से शासन द्वारा उन्हें नई पेंशन योजना एनपीएस के लाभ से जोड़ा गया है तो फिर संविलियन तिथि जुलाई 2018 से सेवा अवधि की गणना क्यों की जा रही है। संविलियन तिथि से सेवा की गणना करने से शिक्षक एलबी संवर्ग के 1998 में नियुक्त लगभग 30 फीसद कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के लाभ की पात्रता के लिए न्यूनतम 10 साल की सेवा अवधि पूरी नहीं कर पाएंगे।