देहरादून। BIG NEWS : उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास (cabinet minister chandan ramdas) का लंबी बीमारी के चलते आज निधन हो गया। कैबिनेट मंत्री के निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। सीएम धामी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। वहीं उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है। कैबिनेट मंत्री चंदन दास के निधन पर प्रदेश में 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। 26 से 28 अप्रैल तक राजकीय शोक रहेगा।
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास लंबे समय से बीमार चल रहे थे। आज सुबह तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बागेश्वर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पार्टी सहित पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। कैबिनेट मंत्री के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि ‘मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी चंदन रामदास के आकस्मिक निधन से स्तब्ध हूं। उनका निधन जनसेवा एवं राजनीति के क्षेत्र में अपूर्ण क्षति है। ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं परिजन और समर्थकों को असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
मंत्रिमंडल में मेरे वरिष्ठ सहयोगी श्री चंदन राम दास जी के आकस्मिक निधन के समाचार से स्तब्ध हूं। उनका निधन जनसेवा एवं राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है।
ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) April 26, 2023
वहीं उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करण महारानी भाजपा के वरिष्ठ नेता कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है म्हारा ने कहा है कि चंदन राम दास का आकस्मिक निधन क्षेत्रीय जनता की अपूर्ण क्षति है। उनके निधन से राजनीति में जो स्थान रिक्त हुआ है। उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती है। कबीना मंत्री के रूप में प्रदेश के विकास के लिए दिए गए सराहनीय योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
विदित हो कि स्वर्गीय चंदन राम दास का राजनीतिक जीवन 1980 में शुरू हुआ था। वह 1997 में नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने। इससे पूर्व एमबी डिग्री कॉलेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव चुने गए थे। इसके बाद 1980 से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की प्रेरणा से भाजपा में शामिल हो गए थे और उसके बाद हुए हर चुनाव में विधायक चुने गए।