केदारनाथ: Kedarnath Yatra : लाखों की संख्या में हर साल श्रद्धालु केदारनाथ की यात्रा पर जाते हैं। इस दौरान कई बार मौसम खराब होता है और बर्फबारी भी होती है। वहीं जिला प्रशासन ने हालातों और हिमपात को देखते हुए केदारनाथ यात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी की है।
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SP डॉ विशाखा भदाणे ने कहा, ‘केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले सभी यात्रियों से अनुरोध है कि लगातार बर्फबारी के कारण सभी यात्री रुक-रुककर यात्रा करें और मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए यात्रा करें।’
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में ताजा हिमपात को देखते हुए जिला प्रशासन ने यात्रियों को लिए गाइडलाइन जारी की।
SP डॉ विशाखा भदाणे ने कहा, "केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले सभी यात्रियों से अनुरोध है कि लगातार बर्फबारी के कारण सभी यात्री रूक-रूक कर यात्रा करें और मौसम के पूर्वानुमान को… pic.twitter.com/jFZvx4SRiq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 27, 2023
Kedarnath Yatra : 25 अप्रैल को ही खुले हैं केदारनाथ के कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट बीते 25 अप्रैल को ही पूरे विधि-विधान के साथ सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर खोले गए। मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। केदारनाथ में हो रही भारी बर्फबारी के बावजूद भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। जिस दिन कपाट खुले, उस दिन मंदिर परिसर में 7 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे।
Kedarnath Yatra : केदारनाथ की खासियत
केदारनाथ की ये मंदिर समुद्र तल से 3 हजार 581 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसे 5वें ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव ने पांडवों को बैल के रूप में दर्शन दिए थे। 8वीं और 9वीं सदी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया था।