मजदूर दिवस पर बोरे-बासी खाओ अभियान:सीएम भूपेश बघेल ने बोरे-बासी खाने की लोगों से अपील की,हर तबके के लोगों ने सीएम की अपील के बाद बोरे बासी खाकर अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया था. सीएम बघेल ने 1 मई को बोरे बासी खाने की परम्परा शुरू की. इसी कड़ी में कांग्रेस कमेटी के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष आबिद ढेबर ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से बोरे बासी खाने की अपील की है. पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रमिकों के साथ बोर बासी खाने का कार्यक्रम भी रखा है
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मनाये बोरे बासी तिहार 1 मई को बोर बासी खाकर श्रम को सम्मान दे -आबिद ढेबर
आबिद ढेबर ने कहा -छत्तीसगढ़ में साल 2022 में सीएम बघेल ने लोगों से एक मई के दिन बोरे बासी खाने की अपील की थी. हर तबके के लोगों ने सीएम की अपील के बाद बोरे बासी खाकर अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया था. सीएम ने 1 मई को बोरे बासी खाने की परम्परा शुरू की. श्री ढेबर ने कहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रमिकों और किसानों का मान बढ़ाने की अपील: सीएम बघेल ने एक मई के दिन किसानों और श्रमिकों का मान बढ़ाने के लिए बोरे बासी खाने की लोगों से अपील की. इससे लोग भावनात्मक और सांस्कृतिक रुप से जुड़ेंगे. सीएम ने लोगों से अपील की है कि” किसानों और श्रमिकों का मान बढ़ाने के लिए बोरे बासी तिहार मनाएं. इससे छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपरा का संरक्षण होगा. पीढ़ियों से चली आ रही बोरे बासी खाने की परंपरा को एक बार फिर जीवित किया जा रहा है. पिछले साल देश ही नहीं विदेशों में भी लोगों ने बोरे बासी खाकर सोशल मीडिया में तस्वीरें शेयर की थी. आप सभी इस तिहार का हिस्सा बने और श्रमिकों का स्म्मान करे
बोरे बासी खाने के फ़ायदे और ख़ासियत
दरअसल तेज गर्मी में भी छत्तीसगढ़ के किसान-मजदूर बोरे बासी सुबह खाते हैं. यह काम के दौरान मजदूरों को लू और डिहाइड्रेशन से बचाता है. इससे शरीर में ठंडक बनी रहती है. इसलिए सुबह आचार, भाजी और टमाटर चटनी के साथ इसे परोसा जाता है.बोरे-बासी में विटामिन: बोरे बासी में विटामिन बी-12 अधिक मात्रा में होती है. इसे खाने से पाचन क्रिया सही रहती है. ये शरीर में ठंडक देती है. ब्लड और हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने का भी काम करती है. गर्मी के दिनों में बोरे-बासी शरीर को ठंडा रखती है. बोरे-बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं.