ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। Hearing on Death Penalty : मौत की सजा के लिए फांसी की जगह दूसरे तरीके अपनाए जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (2 मई) को सुनवाई होनी है. सजा-ए-मौत पाने वाले दोषियों के लिए दर्द रहित मृत्यु की मांग करने वाली जनहित याचिका में कहा गया कि फांसी की जगह किसी अन्य मानवीय और दर्दरहित तरीके से मौत दी जानी चाहिए. फांसी की जगह किसी अन्य विकल्प की तलाश करने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई होनी है.
इसी साल 21 मार्च को इस जनहित याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या फांसी की प्रक्रिया तकलीफदेह है और क्या आधुनिक वैज्ञानिक तरीके उपलब्ध हैं, जो इससे बेहतर हो सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने बीती सुनवाई के दौरान इस मामले में एक एक्सपर्ट कमेटी बनाने का संकेत दिया था. माना जा रहा है कि मंगलवार को होने वाली सुनवाई में इस कमेटी से जुड़ा कोई फैसला लिया जा सकता है।
आ सकता है कमेटी बनाने का आदेश
पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली बेंच ने एनएलयू, एम्स समेत कुछ बड़े अस्पतालों से साइंटिफिक डेटा जुटाने को कहा था. अगर केंद्र सरकार की ओर से इस डेटा को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया गया होगा तो संभव है कि कमेटी बनाने का आदेश मंगलवार को आ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था क्या डेटा?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि फांसी देने के बाद मौत होने में कितना समय लगता है? फांसी की वजह से कितना दर्द होता है? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या यह अभी भी सबसे अच्छा तरीका है या साइंस और टेक्नोलॉजी के आधार पर इससे बेहतर मानवीय तरीके हो सकते हैं?
क्या है याचिकाकर्ता की मांग?
लाइवलॉ वेबसाइट के अनुसार, याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि गरिमापूर्ण तरीके से मृत्यु मिलना मौलिक अधिकार है. दूसरे देशों में भी अब फांसी धीरे-धीरे खत्म की जा रही है. अमेरिका के 36 राज्यों ने पहले ही फांसी की सजा को खत्म कर दिया है. फांसी में शरीर को 30 मिनट तक लटकाए रखा जाता है. इसके बाद डॉक्टर जांच करते हैं कि व्यक्ति की मृत्यु हुई है या नहीं, इसलिए फांसी अमानवीय है.