ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। Wrestlers Protest : नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरने का आज 12वां दिन है। बुधवार देर रात धरना दे रहे पहलवानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पहलवानों का आरोप है कि नशे में पुलिसकर्मियों ने मारपीट की और अपशब्द कहे। वहीं, पुलिस का कहना है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सोमनाथ भारती बेड लेकर धरना स्थल पहुंचे, उन्हें रोका गया तो पहलवानों ने विवाद शुरू कर दिया। पहलवान भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर धरने पर बैठे हैं। इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज ही सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि अब तक सभी पीड़िताओं के बयान क्यों दर्ज नहीं किए गए? इतना ही नहीं कोर्ट ने पूछा कि कब इनके बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए जाएंगे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। कोर्ट में दिल्ली पुलिस एफआईआर का स्टेटस बताना था। बृजभूषण की ओर से हरीश साल्वे दलीलें पेश कर रहे थे, जबकि दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दलीलें दे रहे थे। मामले पर हरीश साल्वे ने कहा कि ये पूरा मामला पॉलिटिकल है। कोई भी आदेश से पहले बृजभूषण का पक्ष सुना जाए। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा सभी शिकायकर्ताओं को कोई खतरा नहीं है। हम शिकायत की जांच कर रहे हैं। हर चीज की वीडियोग्राफी कराई जा रही है। पूरे मामले में पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
इसके बाद कोर्ट ने कहा कि जो याचिका दायर की गई थी उसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी और इसे दर्ज करने के साथ ही याचिका का उद्देश्य पूरा हो गया है।ऐसे में हम याचिका बंद कर रहे हैं। जजों की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को मजिस्ट्रेट से संपर्क करने या किसी भी अन्य शिकायत के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने पेश होने की स्वतंत्रता दी।