ब्रिटेन के किंग चार्ल्स III और क्वीन कैमिला की शनिवार को वेस्टमिंस्टर ऐबे चर्च में दोपहर 3:30 बजे(भारतीय समय के मुताबिक) ताजपोशी होगी।
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पिछले साल 8 सितंबर को क्वीन एलिजाबेथ का निधन हो गया था। तब वो 96 साल की थीं। उनकी मौत के बाद चार्ल्स को ब्रिटेन का महाराज घोषित किया गया था। हालांकि उनकी ताजपोशी अब होगी। एलिजाबेथ को भी उनके पिता किंग एल्बर्ट की मौत के बाद महारानी घोषित कर दिया गया था, लेकिन उनकी ताजपोशी सोलह महीने बाद जून 1953 में हुई थी।
एक हजार करोड़ रुपए का खर्च आया
किंग चार्ल्स की ताजपोशी में £100 मिलियन पाउंड यानी करीब एक हजार करोड़ रुपए का खर्च आया है। ये पैसा ब्रिटेन के टैक्सपेयर्स की ही जेब से लिया गया है। इसमें रॉयल खजाने का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इसे देखते हुए ब्रिटेन में कई लोग ताजपोशी समारोह का विरोध भी कर रहे हैं। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, किंग चार्ल्स के पास सैंड्रिंघम में 75 मिलियन पाउंड यानी 771 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
ताजपोशी के दौरान ज्यादातर रीति-रिवाज पहले जैसे ही
ताजपोशी के दौरान ज्यादातर रीति-रिवाज पहले जैसे ही होंगे, लेकिन अब इसके मायने बदल गए हैं। टाइम के एक पोल के मुताबिक, जब एलिजाबेथ क्वीन थीं तब 2012 में ब्रिटेन के करीब 80% लोग राजशाही के पक्ष में थे। हालांकि 2022 में उनकी मौत के बाद ये आंकड़ा 68% पर लुढ़क गया।