द केरला स्टोरी फिल्म न दिखाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट (supreme court )ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है। शुक्रवार को कोर्ट ने पूछा कि जब पूरे देश में फिल्म चल रही है, तो दोनों राज्यों में इसको लेकर क्या दिक्कत है।
read more : Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट का तलाक को लेकर अहम फैसला, पति-पत्नी को अब नहीं करना होगा 6 महीने का इंतजार
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने तमिलनाडु सरकार (tamilnadu )के एडिशनल एडवोकेट जनरल अमित आनंद तिवारी से पूछा- आपने कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए। राज्य सरकार ये नहीं कह सकती कि हम कोई और रास्ता निकाल रहे हैं। वहां थियेटर्स पर अटैक किए जा रहे हैं, कुर्सियां जलाईं जा रही हैं। लॉ एंड ऑर्डर कायम रखना आपकी जिम्मेदारी थी।चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय की है। फिल्म की प्रोडक्शन टीम(production team ) की तरफ से पैरवी कर रहे सीनियर लॉयर हरीश साल्वे ने कहा- ‘बंगाल में फिल्म को बिना किसी प्रॉब्लम के बैन कर दिया गया।
मामला कला की स्वतंत्रता(freedom ) का है
बैन के खिलाफ फिल्म मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट(supreme court ) में याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा- दोनों राज्यों की भौगोलिक स्थिति दूसरे राज्यों के समान ही है फिर वहां फिल्म को क्यों नहीं चलने दिया जा रहा है। ये मामला कला की स्वतंत्रता का है।
बंगाल की दलील- लॉ एंड ऑर्डर (law and order )बिगड़ने का इंटेलिजेंस (inteligence )था
कोर्ट में बंगाल सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे डॉ.अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- राज्य को इंटेलिजेंस की तरफ से रिपोर्ट मिली थी कि फिल्म की स्क्रीनिंग हुई तो राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर समस्या आ सकती है। इस पर कोर्ट ने कहा- पश्चिम बंगाल देश से अलग नहीं है।