कैदियों के बिल्ला नंबर की तरह आर्थिक फ्रॉड करने वालों का भी बनेगा कोड, आधार से होगा लिंकअब देश में वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले लोगों और कंपनियों का भी बिल्ला नंबर की तरह ही एक यूनिक कोड बनाया जाएगा। इसमें उसके सारे रिकॉर्ड दर्ज किए जाएंगे। यह आधार से लिंक होगा।
जिस तरह से जेल में बंद कैदियों का एक बिल्ला नंबर होता है, अब उसी तरह सराकर आर्थिक अपराधों की आरोपी कंपनियों को भी नंबर देने जा रही है। इस आइडेंटिफिकेशन नंबर को ‘ यूनिक इकोनॉमिक ऑफेंडर कोड’ के तौर पर जाना जाएगा। यह कोड गड़बड़ करने वालों के आधार से भी लिंक रहेगा। इसके अलावा अगर मामला कंपनी का होगा तो इसे पैन से जोड़ा जाएगा।
सेंट्रल इकनॉमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो ने 2.5 आरोपियों की लिस्ट तैयार की है। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि किसी कंपनी या व्यक्ति के बारे में जांच कई एजेंसियां एक साथ कर सकें। अभी तक एक एजेंसी जब चार्जशीट फाइल कर देती है तो दूसरी कंपनी अपनी प्रक्रिया शुरू करती है। सूत्रों के मुताबिक यह यूनिक कोड अल्फान्यूमेरिक होगा। पैन या फिर आधार के माध्यम से धोखाधड़ी के सभी मामलों के एक साथ टैग कर दिया जाएगा और 360 डिग्री प्रोफाइल बना दी जाएगी।
अगर किसी एजेंसी या पुलिस या फिर कोर्ट को इस कंपनी के बारे में पता करना होगा तो यही कोड पर्याप्त होगा। इसका सारा डेटा एनईओआर यानी नेशनल इकनॉमिक ऑफेंस रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। इस तरह से इस समय जिन लोगों पर वित्तीय धोखाधड़ी का मामला चल रहा है उनकी पहचान के लिए एक नंबर जारी कर दिया जाएगा। इसमें विजय माल्या, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन भी शामिल हो सकते हैं।