इंडियन एयरफोर्स(indian airforce ) ने मिग-21 लड़ाकू विमान के पूरे बेड़े के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। राजस्थान में 8 मई को क्रैश हुए मिग-21 की जांच पूरी होने तक सभी विमानों को ग्राउंडेड(grounded ) रखने का फैसला किया है।
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अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि हादसे की वजहों का पता लगने तक मिग विमान उड़ान नहीं भरेंगे। फिलहाल एयरफोर्स में मिग-21 की 3 स्क्वाड्रन हैं। हर स्क्वाड्रन में 16 से 18 एयरक्राफ्ट होते हैं। इस हिसाब से लगभग 50 मिग-21 सर्विस में हैं।मिग-21 सिंगल इंजन और सिंगल सीट वाला मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट है। इसे 1963 में इंटरसेप्टर एयरक्राफ्ट(aircraft ) के तौर पर इंडियन एयरफोर्स(indian airforce ) में शामिल किया गया था।
LCA मार्क 1A और LCA मार्क 2 सहित स्वदेशी विमानों को शामिल करने पर भी विचार
AF के पास 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं जिनमें तीन मिग -21 बाइसन संस्करण शामिल हैं। MIG-21 को 1960 के दशक में IAF में शामिल किया गया था और फाइटर के 800 वेरिएंट सेवा में हैं।मिग-21 की दुर्घटना हाल के दिनों में चिंता का कारण रही है क्योंकि उनमें से कई दुर्घटनाओं का शिकार हुए हैं। IAF उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान के साथ LCA मार्क 1A और LCA मार्क 2 सहित स्वदेशी विमानों को शामिल करने पर भी विचार कर रहा है।
इंडियन एयर फोर्स को विभिन्न श्रेणी के 872 मिग फाइटर(fighter ) प्लेन(plane )
मिग-21 का सेफ्टी रिकॉर्ड (record )बेहद खराब है, इसलिए भारतीय वायु सेना इसे अन्य सक्षम विमानों जैसे SU-30 और स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) से बदल रही है। इसमें देरी के कारण ही वायुसेना में MiG अब तक अपनी जगह बनाए है। 1963 के बाद से इंडियन एयर फोर्स को विभिन्न श्रेणी के 872 मिग फाइटर प्लेन मिल चुके हैं।इनमें से करीब 500 फाइटर जेट क्रैश हो चुके हैं। इन हादसों में 200 से ज्यादा पायलट्स व 56 आम लोगों को जान गंवानी पड़ी।