एक बार फिर महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर आया सुर्खियों में जिला कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में विभाग में अंतर्गत जिला बाल संरक्षण इकाई रायपुर में संजय कुमार निराला संरक्षण अधिकारी गैर संस्थागत के पद पर संविदा में पदस्थ है। संजय निराला द्वारा विभाग से जारी होने वाले सभी पत्रो में जिला बाल संरक्षण अधिकारी रायपुर के हैसियत से हस्ताक्षर किये जा रहे है जबकि जिला बाल संरक्षण अधिकारी का पद विगत 06 माह से रिक्त है। संविदा भर्ती नियम में पदोन्नति का भी कोई प्रावधान नही है कि विभाग द्वारा इनका प्रमोशन कर दिया गया होगा। संजय निराला अपने आप को सबके सामने जिला बाल संरक्षण अधिकारी के पद पर पदस्थ हूँ यह भी बताता है।
शासकीय नियम यह है कि किसी शासकीय पत्र में अगर कोई अधीनस्थ अधिकारी अपने से उच्च अधिकारी के पदनाम में हस्ताक्षर करता है तो हस्ताक्षर के पूर्व फ़ॉर लिख कर ही अपना हस्ताक्षर कर सकता है अन्यथा नही। क्योकि वह उस पद पर पदस्थ नही है।
अब यहाँ सवाल यह उठता है कि विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा भी एक संविदा में पदस्थ कर्मचारी द्वारा अपने से उच्च अधिकारी के पदनाम का दुरुपयोग कर सारे पत्रो पर हस्ताक्षर किए जाने जैसे अनुशासनहीनता एवं अधिकारितारहित कार्य करने वाले व्यक्ति पर श्रीमती निशा मिश्रा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग रायपुर द्वारा भी विगत 06 माह में कोई कार्यवाही नही की गई है। जबकि किसी संविदा कर्मी की एक गलती करने पर विभागों द्वारा उस संविदा कर्मी की संविदा सेवा ही तुरंत समाप्त कर दी जाती है।
विभाग के संचालक एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी रायपुर द्वारा इस संविदा कर्मचारी संजय कुमार निराला के ऊपर अधिकारिता रहित कार्य करने के संबंध में आज तक कोई कार्यवाही नही किया जाना भी संदेह उत्पन्न कर रहा है। जो कि जांच का विषय है। शायद संजय निराला अपने इन उच्च अधिकारियों की कोई कमजोर नस जानता है जिसके दवाब में उच्च अधिकारी भी डर के कारण इस संविदा कर्मी पर अनुशासनहीनता और अधिकारितारहित कार्य पर भी कोई कार्यवाही नही कर पा रहे है।