रायपुर : Katha Ek Kansa : अग्रगामी नाट्य समिति की ओर से 21 मई रविवार शाम 7:30 बजे नाटक कथा एक कंस का मंचन किया गया. जिसके लेखक पद्मश्री दया प्रकाश सिन्हा है. इस नाटक का निर्देशन रोहित भूषणवार ने किया. सात सौ कैपेसिटी के सभागृह में अग्रगामी के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से सभी दर्शकों को 1 घंटे 50 मिनट के नाटक में बांधकर रखा.
कहानी में यह दर्शाया गया कंस एक क्रूर राजा ही नहीं, वह संगीत प्रेमी कोमल ह्रदय का भी था, सदा से सपने देखने वाला कंस मनुष्य को मनुष्य के लिए करुणा होगी, ममता होगी हमारी एकांत संगिनी वीणा का संगीत होगा, सुगंध होंगे फूल होंगे ऐसी सोच रखने वाला कंस एक समय में पिता के क्रूरता और अपमान किए जाने पर कंस एक साधारण पुरुष से भगवान श्री कंस बन जाता है.
प्रेमिका स्वाति के प्रेम में इतना डूब जाता है, इस नाटक में कंस का मर्म देखने को मिला जिसे ना शस्त्र ना अस्त्र का मोह था. वह तो प्रेम करता था संगीत से, उसे तो प्रेम था. फूलों से झरनो से पहाड़ों से इस नाटक का एक पहलू और हमने देखा. अपनी बहन देवकी के प्रति क्रूरता अत्याचार कारागार, दूसरी ओर प्रेमिका स्वाति के प्रति कोमलता प्रेम उतनी ही घृणा अपनी पत्नी अस्ति के प्रति दर्शकों ने बहुत पसंद किया.
जिसमें दिखाया गया कि हजारों लाशों के बीच खड़ा अकेला बिल्कुल अकेला निर्मम हत्या करते हुए क्रूरता को दर्शाया गया. इसमें लाशों के बीच कंस बिल्कुल अकेला निर्मम हत्या करता हुआ लहू से सना हुआ यह दृश्य देखते ही दर्शकगण अपने स्थान से उठकर तालियां बजाते नजर आए. इस नाटक के आकर्षण का केंद्र बाल कंस की भूमिका में योहान दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहा वही स्वाति ने बखूबी कंस की प्रेमिका का किरदार निभाया और खूब तालियां सराहना बटोरी.
इस नाटक के मुख्य किरदार रहे
स्वाति की भूमिका में पूनम गटकरी
बाल कंस योहान
अस्ति की भूमिका में चंचल वर्मा
देवकी की भूमिका में आकांक्षा देवांगन
सूत्रधार की भूमिका में खुशबू सोरी एवम सनी वाधवा
प्रलंब की भूमिका में अभिषेक सिंह तोमर
इस संस्था के फाउंडर और निर्देशक जलील रिजवी जी उपस्तिथ थे. संस्था के अध्यक्ष प्रेमचंद लोनावत जी. छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सुपरस्टार भी उपस्थित थे. इस नाटक का निर्देशन और कंस की भूमिका में रोहित भूषणवार थे.