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तंबाकू नियंत्रण से संबंधित नीतियों को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने पर हुई चर्चा
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आकलैंड विश्वविद्यालय में प्रदेश को तंबाकू मुक्त बनाने में आ रही चुनौतियों तथा तंबाकू उत्पादों के नियंत्रण की दिशा में उठाए गए विभिन्न सामजिक पहलुओं पर विशेषज्ञों के साथ विस्तृत चर्चा की। स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने तंबाकू नियंत्रण से संबंधित नीतियों व कार्यक्रमों को भविष्य में और अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने एवं इसके सेवन से लगातार बढ़ रहे रोगियों की संख्या से अर्थव्यवस्था पर पड़ते बोझ पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने वहां किए गए शोध के आधार पर बताया कि तंबाकू उत्पादों से अर्जित आय से अधिक खर्च इससे होने वाली बीमारियों में हो रहा है। इसे देखते हुए न्यूजीलैंड सरकार ने तंबाकू पर रोक के लिए बहुत ठोस नीति बनाई है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने वहां स्मोक-फ्री जनरेशन की दिशा में उठाए गए क़दमों की जानकारी दी। तंबाकू और धूम्रपान पर नियंत्रण के लिए वहां सामुदायिक स्तर पर बिहेवियर चेंज कम्युनिकेशन पर बल दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि न्यूजीलैंड में किस तरह से तंबाकू के विक्रय को नियंत्रित करने के साथ ही इससे जुड़े उत्पादों में निकोटीन की मात्रा घटाई गई। धूम्रपान मुक्त पीढ़ी तैयार करने के लिए वहां 2009 या उसके बाद जन्मे किसी भी व्यक्ति के लिए तंबाकू उत्पाद के उपयोग/उपभोग/विक्रय को अवैध करार दिया गया है। उन्होंने तंबाकू उत्पादों के लिए लाइसेंस पद्धति और अल्टरनेट कल्टीवेशन पर काम करने की आवश्कता पर बल दिया। ऑकलैंड विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने वर्ष 2025 तक न्यूजीलैंड के स्मोक-फ्री जनरेशन हो जाने की बात कही। स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान, राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन, ऑकलैंड विश्वविद्यालय के प्रो. क्रिस बुलेन, सह-प्राध्यापक प्रो. नताली वॉकर, डॉ. रोड्रिगो और डॉ. वर्तिका शर्मा भी चर्चा के दौरान मौजूद थीं।
तंबाकू उत्पाद सेहत व समाज दोनों के लिए हानिकारक – टी.एस. सिंहदेव
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर कहा कि तंबाकू से न केवल इसका सेवन करने वाला व्यक्ति बल्कि उसके आसपास रहने वाले लोग भी प्रभावित होते हैं। तंबाकू सेवन से सेहत पर होने वाले खतरनाक प्रभाव के प्रति जागरूकता फैलाने और छत्तीसगढ़ में तंबाकू सेवन को निम्नतम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि प्रदेश को जल्द से जल्द तंबाकू मुक्त प्रदेश की श्रेणी में अग्रिम पंक्ति में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि समाज में तम्बाकू एवं धूम्रपान के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए तम्बाकू उत्पादों के हानिकारक प्रभाव से समाज को अवगत कराने की जरूरत है। तंबाकू सेवन से होने वाली गंभीर बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक कर इसके उपयोग को बन्द करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।