मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, छत्तीसगढ़ द्वारा आज रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों और एफएलसी सुपरवाइजर्स को ईवीएम/वीवीपीएटी की एफएलसी (First Level Checking) के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला में उन्हें कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपीएटी से संबंधित प्रशासनिक एवं तकनीकी प्रकियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली और ईसीआईएल, हैदराबाद के अधिकारियों ने ईवीएम/वीवीपीएटी की एफएलसी के साथ ही ईवीएम की हैंडलिंग और जरूरी प्रक्रियाओं के बारे में बताया।
ईवीएम के तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी
ईसीआईएल (Electronics Corporation of India Limited) के उप वरिष्ठ निदेशक पी.सी. मंडल ने ईवीएम के तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने एफएलसी के लिए उपयोग में आने वाले जरूरी उपकरणों और कनेक्टर्स (Connectors) के बारे में भी बताया।
27 हजार 444 ईवीएम एवं वीवीपीएटी की प्रथम स्तरीय जांच का कार्य
छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने कार्यशाला में बताया कि राज्य में उपलब्ध कुल एक लाख 27 हजार 444 ईवीएम एवं वीवीपीएटी की प्रथम स्तरीय जांच का कार्य प्रत्येक जिला मुख्यालय में आगामी 10 जून से 27 जून तक किया जाएगा। आज हुई कार्यशाला में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं एफएलसी पर्यवेक्षकों को एफएलसी की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है, ताकि वे अपना कार्य जिला स्तर पर उत्कृष्ट तरीके से संपादित कर सकें। छत्तीसगढ़ की अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शिखा राजपूत तिवारी, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिपिन माझी और डॉ. के.आर.आर सिंह, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय अग्रवाल तथा सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रूपेश वर्मा और शारदा अग्रवाल भी कार्यशाला में उपस्थित थीं। केरल के संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनीस टी., बिहार के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी धीरज कुमार और झारखंड की विशेष कार्य पदाधिकारी गीता चौबे ने भी कार्यशाला में हिस्सा लिया।
सभी 33 जिलों में होगी ईवीएम/वीवीपीएटी के एफएलसी
छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा राज्य के सभी जिलों में ईवीएम/वीवीपीएटी की प्रथम स्तरीय जांच के लिए कार्यक्रम जारी किया गया है। इसके लिए इंजीनियरों के 26 दलों का गठन किया गया है। ये दल निर्धारित तिथियों में संबंधित जिलों का भ्रमण कर जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी और एफएलसी सुपरवाइजर्स के सहयोग से एफएलसी की प्रक्रिया पूर्ण करेंगी।