देश की पहली डीलक्स ट्रेन ‘डेक्कन क्वीन’ आज 93 साल की हो गई है। डेक्कन क्वीन पूरे भारत में एकमात्र ऐसी ट्रेन है, जिसमें डाइनिंग कार है जो 32 यात्रियों के लिए टेबल सर्विस ऑफर करती है।
शुरू में डेक्कन क्वीन को सात डिब्बों के दो रेक के साथ शुरू किया गया था. मूल रेकों के डिब्बो के अंदर फ्रेम्स का निर्माण इंग्लैंड में किया गया था, जबकि डिब्बों का निर्माण जीआईपी रेलवे के मांटुगा कारखाने में किया गया था। इस समय डेक्कन क्वीन 17 डिब्बों के साथ चलती है, यह देश की सबसे पुरानी लग्जरी ट्रेन अब नए लुक में दौडेगी. इस ट्रेन में अब एलएचबी कोच लगाए जाएंगे. डेक्कन क्वीन में एक विस्टाडोम कोच भी जोड़ा गया है, यह कोच अंदर से प्लेन में बैठने जैसा अनुभव देग।
ट्रेन ने दोनों शहरों के बीच महत्वपूर्ण संबंध स्थापित किए
ट्रेन जून 1930 में ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (GIPR) द्वारा शुरू की गई थी. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे (Pune) से जोड़ने वाली इस ट्रेन ने दोनों शहरों के बीच महत्वपूर्ण संबंध स्थापित किए हैं।
डेक्कन क्वीन में अपनी तरह का इकलौता रेस्तरां कार
डेक्कन क्वीन में अपनी तरह का इकलौता रेस्तरां कार है। यह लोगों को काफी पसंद आता है। नई डेक्कन क्वीन में एक विस्टाडोम कोच भी जोड़ा गया है जो अंदर से प्लेन में बैठने जैसा अनुभव देता है। ये विस्टाडोम कोच पर्यटन का आनंद लेने के लिए जोड़ा गया है। विस्टाडोम कोच में कांच की बड़ी खिड़कियां, पारदर्शी छत, अत्याधुनिक सीटें, ऑब्जर्वेशन लाउंज आदि सुविधाएं हैं। मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार के अनुसार डेक्कन क्वीन एलएचबी रेक में 4 एसी चेयर कार,1 विस्टाडोम कोच, 8 सेकेंड क्लास चेयर कार,1 जनरल सेकेंड क्लास सह गार्ड ब्रेक वान और जनरेटर कार होंगे। अधिक सुरक्षित और सुखद यात्रा के लिए एलएचबी कोच के साथ यह ट्रेन आगामी 22 जून से चलेगी।