रायपुर। बच्चों को गोद लेने के लिए सरकार ने बाकायदा नियम-कानून बनाए हैं जिसका हर हाल में पालन किया जाना अनिवार्य है. कोरोना महामारी में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया, उनका सही पुनर्वास हो सके, इसके लिए कानून बनाए गए हैं. केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि बच्चों को गोद लेने के लिए(CARA) से संपर्क किया जा सकता है। इसी बीच छत्तीसगढ़ में तीन साल की एक बच्ची को कथित अवैध तरीके से गोद (दत्तक) दिए जाने के मामले की अब केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी से शिकायत की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि अन्नया वर्मा नामक बच्ची को नागपुर निवासी उसके माता पिता ने संतोषी नगर निवासी हितेश जैन को दत्तक दिया था ।
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जिला बाल संरक्षण अधिकारी रायपुर ने उक्त मामले में 15 सितंबर 2022 को सिविल लाइन थानेदार को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। पुलिस ने रेस्क्यू कर दत्तक दी गई बच्ची को अपने संरक्षण में लिया। लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं हुई । इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की एक तत्कालीन अधिकारी के खिलाफ भी शिकायतें की गई हैं।
क्या है CARA
सेंट्रल एडोप्शन अथॉरिटी या CARA महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की एक संस्था है. यह बच्चों को गोद लेने के लिए नोडल एजंसी के तौर पर काम करती है. यह एजंसी बच्चों के गोद लेने की प्रक्रिया पर गौर करती है. जो बच्चे देश में या विदेश में गोद लिए जाते हैं, उन सभी प्रक्रियाओं पर इस एजंसी का ध्यान होता है. कारा को सरकार की तरफ से सेंट्रल अथॉरिटी का दर्जा प्राप्त है. अगर दूसरे देश से भारत में बच्चे को गोद लिया जाना है तो उसके लिए हेग कॉन्वेंशन का कानून लागू होता है. हेग कॉन्वेंशन भी कारा के जरिये ही भारत में लागू किया जाता है।
कौन गोद ले सकता है
किसी अनाथ या बेसहारा बच्चे को कौन गोद ले सकता है, इसका पूरा नियम बना हुआ है. शादी-शुदा पति-पत्नी किसी अनाथ बच्चे को तभी गोद ले सकते हैं जब उनकी शादी के 2 साल हो गए हों और उनका दांपत्य जीवन स्थिर हो. यानी कि तलाक आदि झंझटों से मुक्त हो. अगर शादी-शुदा लोग (पति-पत्नी) बच्चों को गोद लेना चाहते हैं तो दोनों को इस प्रक्रिया के लिए राजी होना पड़ेगा.
क्या है नियम(rules )
अगर कोई महिला अकेली है तब भी वह किसी बच्चे को गोद ले सकती है, लेकिन सिंगल मेल यानी कि अकेला पुरुष बच्चे को गोद लेने के लिए मान्य नहीं है. कोई सिंगल पेरेंट है और वह बच्चे को गोल लेना चाहता है तो उसकी उम्र 55 साल से ज्यादा नहीं हो सकती. अगर कोई पेरेंट बच्चों को गोद लेते हैं तो विशेष जरूरतों को देखते हुए उन्हें अनुमति मिलेगी लेकिन उन्हें 4 से ज्यादा बच्चे नहीं होने चाहिए