नई दिल्ली। Share Market : टायर बनाने वाली कंपनी एमआरएफ (MRF) का नाम तो आपने सुना ही होगा। भले ही आपने अपनी गाड़ी में लगे इस कंपनी के टायर पर गौर न किया हो, लेकिन सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे स्टार क्रिकेटर्स के हाथों में MRF की बैट पर आपने जरूर देखी होगी। टायर बनाने वाली इस कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजार में इतिहास रच दिया। एमआरएफ के शेयर (MRF SHARES) मंगलवार को 1 लाख रुपये का आंकड़ा पार कर गए। एक लाख का एक शेयर, यानी इस कंपनी का एक शेयर खरीदने के लिए आपकी सैलरी भी कम पड़ जाएगी। ये स्टॉक बीएसई पर 98,939.70 के पिछले बंद के मुकाबले आज 99,500 पर खुला और सुबह के कारोबार में 1,00,300 रुपये के अपने ऑल टाइम हाई लेवल को छू लिया. पिछले एक साल में इस शेयर में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है.
चौथी तिमाही में MRF कंपनी ने शानदार नतीजे पेश किए थे. FY23 की मार्च तिमाही में MRF का स्टैंडअलोन प्रॉफिट 162 फीसदी बढ़कर 410.66 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस मजबूत हुआ है. वहीं कंपनी का ऑपरेशन से होने वाला स्टैंडअलोन रेवेन्यू सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़कर 5,725.4 करोड़ रुपये हो गया है. कंपनी ने 169 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान किया है.
हजार रुपये से लाख रुपये तक
MRF के शेयरों पर नजर डालें, तो साल 2000 में स्टॉक का भाव 1000 रुपये प्रति शेयर था. वहीं, 2012 में ये 10,000 रुपये के स्तर पर पहुंचा. इसके बाद 2014 में इस स्टॉक ने 25,000 रुपये का आंकड़ा छुआ. फिर 2016 में 50,000 रुपये पर पहुंचा. साल 2018 में 75,000 और अब एक लाख रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है. 27 अप्रैल 1993 को MRF के एक शेयर की कीमत 11 रुपये थी.
आखिर इतना क्यों महंगा है ये स्टॉक?
आखिर MRF का स्टॉक इतना महंगा क्यों है, इसके पीछे की वजह भी जान लीजिए. दरअसल, इसके पीछे की वजह है कंपनी का शेयरों को स्प्लिट (Stock Split) ना करना. एंजल वन के मुताबिक 1975 के बाद से ही MRF ने अभी तक अपने शेयरों को कभी स्प्लिट नहीं किया. इसके पहले साल 1970 में 1:2 और 1975 में 3:10 के अनुपात में MRF ने बोनस शेयर इशू किए थे.