फिल्म आदिपुरुष को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने फिल्म निर्माताओं पर भगवान राम का अपमान करने का आरोप लगाया है. इसके साथ आदिपुरुष फिल्म पर कड़ी अपत्ति जताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार से जवाब मांगा है और उन्होंने भगवान राम के अपमान करने वाले को माफी मांगने के लिए कहा है.
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा हमारे भांचा राम का अपमान हम नहीं सहेंगे सीएम ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने ‘आदिपुरुष’ के बारे पढ़ा और सुना. अत्यधिक पीड़ा हो रही है कि आख़िर कैसे सेंसर बोर्ड ने एक ऐसी फ़िल्म को सर्टिफिकेट दे दिया जो हमारी आस्था से खिलवाड़ कर रही है. हमारे आराध्य का मजाक उड़ा रही है. केंद्र सरकार को इसका जवाब देना होगा. हमारे भांचा राम का अपमान हम नहीं सहेंगे. ज़िम्मेदार लोग माफ़ी मांगें.
हमारे आराध्य भगवान श्रीराम मर्यादापुरुषोत्तम है और प्रभु श्री हनुमान सौम्यता और गम्भीरता का प्रतीक हैं।
1987 में जब श्री रामानन्द सागर ने रामायण धारावाहिक बनाया, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व० राजीव गांधी जी ने कहा था कि “ ‘रामायण’ ने लाखों दर्शकों के मन-मस्तिष्क को प्रज्वलित कर दिया है।‘रामायण’ ने विशेषतौर पर देश के युवाओं में भारत की महान संस्कृति, परंपरा और नैतिक मूल्यों का संचार किया है।”उस रामायण के लेखक रामानन्द सागर जी थे, जिन्होंने करोड़ों लोगों की आस्था को ऐसे निम्नस्तर के भाषा से आहत नहीं किया अपितु सियाराम की एक मधुर, सौम्य और मनमोहक छवि समाज के मन-मस्तिष्क पर अंकित कर दी।
छत्तीसगढ़ को भगवान राम के ननिहाल माना जाता है
रामायण काल में छत्तीसगढ़ की दक्षिण कौशल कहा जाता था और दक्षिण कौशल के राजा भानुमांत की बेटी कौशल्या का उत्तर कौशल के दशरथ राजा के साथ विवाह हुआ था. इस लिए छत्तीसगढ़ में आज भी भगवान राम को भाँचा कहा जाता है. वहीं माता कौशल्या का जन्म स्थान राजधानी रायपुर से 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव को माना जाता है. इसी गांव में तालाब के बीच दुनिया का इकलौता माता कौशल्या का मंदिर है. इस मूर्ति में राम लल्ला माता कौशल्या के गोद में खेल रहे है.
रामायण काल में छत्तीसगढ़ की दक्षिण कौशल कहा जाता था और दक्षिण कौशल के राजा भानुमांत की बेटी कौशल्या का उत्तर कौशल के दशरथ राजा के साथ विवाह हुआ था. इस लिए छत्तीसगढ़ में आज भी भगवान राम को भाँचा कहा जाता है. वहीं माता कौशल्या का जन्म स्थान राजधानी रायपुर से 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव को माना जाता है. इसी गांव में तालाब के बीच दुनिया का इकलौता माता कौशल्या का मंदिर है. इस मूर्ति में राम लल्ला माता कौशल्या के गोद में खेल रहे है.
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फिल्म आदिपुरुष को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने फिल्म निर्माताओं पर भगवान राम का अपमान करने का आरोप लगाया है. इसके साथ आदिपुरुष फिल्म पर कड़ी अपत्ति जताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार से जवाब मांगा है और उन्होंने भगवान राम के अपमान करने वाले को माफी मांगने के लिए कहा है.मुख्यमंत्री बघेल ने कहा हमारे भांचा राम का अपमान हम नहीं सहेंगे सीएम ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने ‘आदिपुरुष’ के बारे पढ़ा और सुना. अत्यधिक पीड़ा हो रही है कि आख़िर कैसे सेंसर बोर्ड ने एक ऐसी फ़िल्म को सर्टिफिकेट दे दिया जो हमारी आस्था से खिलवाड़ कर रही है. हमारे आराध्य का मजाक उड़ा रही है. केंद्र सरकार को इसका जवाब देना होगा. हमारे भांचा राम का अपमान हम नहीं सहेंगे. ज़िम्मेदार लोग माफ़ी मांगें.हमारे आराध्य भगवान श्रीराम मर्यादापुरुषोत्तम है और प्रभु श्री हनुमान सौम्यता और गम्भीरता का प्रतीक हैं।1987 में जब श्री रामानन्द सागर ने रामायण धारावाहिक बनाया, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व० राजीव गांधी जी ने कहा था कि “ ‘रामायण’ ने लाखों दर्शकों के मन-मस्तिष्क को प्रज्वलित कर दिया है।‘रामायण’ ने विशेषतौर पर देश के युवाओं में भारत की महान संस्कृति, परंपरा और नैतिक मूल्यों का संचार किया है।”उस रामायण के लेखक रामानन्द सागर जी थे, जिन्होंने करोड़ों लोगों की आस्था को ऐसे निम्नस्तर के भाषा से आहत नहीं किया अपितु सियाराम की एक मधुर, सौम्य और मनमोहक छवि समाज के मन-मस्तिष्क पर अंकित कर दी।छत्तीसगढ़ को भगवान राम के ननिहाल माना जाता है
रामायण काल में छत्तीसगढ़ की दक्षिण कौशल कहा जाता था और दक्षिण कौशल के राजा भानुमांत की बेटी कौशल्या का उत्तर कौशल के दशरथ राजा के साथ विवाह हुआ था. इस लिए छत्तीसगढ़ में आज भी भगवान राम को भाँचा कहा जाता है. वहीं माता कौशल्या का जन्म स्थान राजधानी रायपुर से 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव को माना जाता है. इसी गांव में तालाब के बीच दुनिया का इकलौता माता कौशल्या का मंदिर है. इस मूर्ति में राम लल्ला माता कौशल्या के गोद में खेल रहे है.