रायपुर। RAIPUR NEWS : महागुरु बाबा श्री औघड़नाथ के प्राकट्य दिवस के उपलक्ष्य व धरती माता के रजस्वला काल में दिनांक 21 जून से 25 जून की रात्रि तक अघोर महोत्सव आयोजित है। अघोर महोत्सव सुमेरु मठ, श्री औघड़नाथ दरबार, प्रोफेसर काॅलोनी पुरानी बस्ती में आयोजित है। इस उपलक्ष्य में ‘‘श्री साधना यज्ञ‘‘ संपन्न होने जा रहा है। अघोर महोत्सव में सुमेरु मठ के पीठाधीश बाबा श्री प्रचंडवेग द्वारा अघोर ध्यान योग, ध्यान योग, आत्म जागृति साधना के साथ-साथ विभिन्न योग कराए जा रहे हैं। शक्ति अर्जन आराधना के इस महापर्व में सम्मिलित हो साधना संपन्न कर योगबल प्राप्त किया जा सकता है। महोत्सव में 21 से 25 जून की रात्रि तक निरंतर यज्ञ, योग और साधना संपन्न हो रही है।
वर्ष का यह ही समय है जब प्रकृति में विशष्ट उर्जामय हलचल होती है, जिसके परिणाम स्वरूप आसाम प्रदेष की राजधानी गुवाहाटी के नीलांचल पहाड़ी में स्थित कामाख्या सिद्ध योनि शक्तिपीठ में रजस्वला की प्रतिक्रिया घटित होती है। इस सुअवसर पर सिद्ध योग परंपरा के संत योनिपीठ क्षेत्र में इन दिनों विशिष्ट यौगिक क्रियाओं के द्वारा योगबल अर्जन करते हैं, जो कि अब तक बहुत गोपनीय साधना रही है। इस कारण सामान्य जन इस शक्ति आराधना व अर्जन के प्रति अब तक अनभिज्ञ होने के कारण इस विशिष्ट अवसर का आत्मिक लाभ लेने से वंचित रहे हैं।
अघोर पंथ के परमगुरु सिमरान समाज के संस्थापक बाबा श्री औघड़नाथ जी ने अघोर महोत्सव के रूप में ऐसा सुअवसर सामान्य जनों को प्रदान किया है, जिसमें अपने अंतःकरण से संलग्न हो, प्रत्येक व्यक्ति आत्मिक उत्थान को प्राप्त कर सकते हैं। अतः शक्ति अराधना के इस महापर्व में श्रद्धालुजनों का हार्दिक स्वागत हैं।
अघोर महोत्सव सुमेरु मठ, श्री औघड़नाथ दरबार, प्रोफेसर काॅलोनी पुरानी बस्ती में आयोजित है। इस उपलक्ष्य में ‘‘श्री साधना यज्ञ‘‘ संपन्न होने जा रहा है। अघोर महोत्सव में सुमेरु मठ के पीठाधीश बाबा श्री प्रचंडवेग जी द्वारा अघोर ध्यान योग, ध्यान योग, आत्म जागृति साधना के साथ-साथ विभिन्न योग कराए जा रहे हैं। शक्ति अर्जन आराधना के इस महापर्व में सम्मिलित हो साधना संपन्न कर योगबल प्राप्त किया जा सकता है।
वर्ष का यह समय है जब प्रकृति में विशष्ट उर्जामय हलचल होती है, जिसके परिणाम स्वरूप आसाम प्रदेष की राजधानी गुवाहाटी के नीलांचल पहाड़ी में स्थित कामाख्या सिद्ध योनि शक्तिपीठ में रजस्वला की प्रतिक्रिया घटित होती है। इस सुअवसर पर सिद्ध योग परंपरा के संत योनिपीठ क्षेत्र में इन दिनों विशिष्ट यौगिक क्रियाओं के द्वारा योगबल अर्जन करते हैं, जो कि अब तक बहुत गोपनीय साधना रही है। इस कारण सामान्य जन इस शक्ति आराधना व अर्जन के प्रति अब तक अनभिज्ञ होने के कारण इस विशिष्ट अवसर का आत्मिक लाभ लेने से वंचित रहे हैं। अपने अंतःकरण से संलग्न हो, प्रत्येक व्यक्ति आत्मिक उत्थान को प्राप्त कर सकते हैं। अतः शक्ति अराधना के इस महापर्व में श्रद्धालुजनों का हार्दिक स्वागत हैं।