मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के जनक और साहित्यकार पंडित माधवराव सप्रे की 19 जून को जयंती पर उन्हें नमन किया है। सप्रे जी को याद करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि सप्रे जी द्वारा रखी गई नींव पर ही आज छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता समृद्ध हो रही है।
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय और साहित्यिक चेतना को विकसित करने में भी सप्रे जी का अमूल्य योगदान रहा है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनकी लेखनी ने सैकड़ों सत्याग्रहियों का मार्गदर्शन किया और राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा दी। सप्रे जी के रचनात्मक और मूल्यपरक लेखन ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता को एक नई दिशा दी है।
सप्रे जी जीवन भर देश और साहित्य की सेवा में लगे रहे
बघेल ने कहा कि सप्रे जी जीवन भर देश और साहित्य की सेवा में लगे रहे। उनके कई लेख और कृतियां प्रकाशित हुई। उन्होंने अनेक संस्थाओं को जन्म दिया जिनके माध्यम से लोग देश और जन सेवा के लिए आगे आए। सन् 1900 में जब प्रकाशन के लिए पर्याप्त सुविधाएं और आधुनिक तकनीकी नहीं थी, उन्होंने वामनराव लाखे जी और रामराव चिंचोलकर जी के सहयोग से पेण्ड्रा में मासिक हिन्दी समाचार पत्र ‘छत्तीसगढ़ मित्र‘ का सम्पादन और प्रकाशन शुरू किया। सप्रे जी द्वारा रचित कहानी ‘टोकरी भर मिट्टी‘ को भारतीय साहित्य में हिन्दी की पहली मौलिक कहानी का गौरव प्राप्त है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्रे जी का व्यक्तित्व और कृतित्व साहित्यकारों और पत्रकारों सहित आम जनता के लिए भी प्रेरणादायक है।