बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्य योजना आयोग के सचिव अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आयोग द्वारा राज्य के विकास से जुड़े प्रासंगिक विषयों पर शोध की आवश्यकता को देखते हुए जमीनी स्तर पर शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए गए है। आयोग शोध प्रस्तावों पर विचार उपरांत उसे वित्त पोषित भी कर रहा है। साथ ही आयोग द्वारा 14 टॉस्कफोर्स का भी गठन किया गया था, जिसमें से 9 प्रतिवेदन तैयार करने में विश्वविद्यालयों का सहयोग मिला है। उन्होंने आयोग को प्रस्तुत किए जाने वाले प्रस्तावों को व्यावहारिक और प्रासंगिक बनाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा स्वप्रेरित पहल की आवश्यकता पर जोर दिया।
राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के सुब्रमण्यम ने कहा कि नवाचार को वैज्ञानिक आधार प्रदान करने और उनके वाणिज्यिक संभावनाओं को तलाशने में विश्वविद्यालय का सहयोग आवश्यक है। योजना आयोग द्वारा राज्य के विकास से जुड़े प्रासंगिक विषयों की पहचान कर उनकी सूची भी तैयार की गई है। साथ ही डॉ. सुब्रमण्यम ने विश्वविद्यालयों के मध्य आपसी एमओमयू, समसामयिक विषयों पर शोध आश्यकताओं, शोधों की ऑनलाईन रिपॉजटरी और स्टेट लैब विषयों पर अपने विचार साझा किए। बैठक में राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव डॉ. वत्सला मिश्रा, संयुक्त संचालक तथा आईआईटी, आईआईएम, एम्स व राजकीय विश्वविद्यालयों के नोडल अधिकारी सम्मिलित थे।