नार्को टेस्ट में प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया था कि उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रियों अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल और रामविचार नेताम सहित कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपए दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए। भ्रष्टाचार उजागर होना चाहिए। दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए।
सीएम ने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें बैंक मैनेजर के नार्को टेस्ट की वीडियोग्राफी का अंश है
माननीय उच्च न्यायालय ने जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों के गबन के प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच की अनुमति दे दी है।
नार्को टेस्ट में प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया था कि उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रियों अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल व… pic.twitter.com/nKlQBcL9Jq
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 21, 2023
ये था पूरा मामला
इंदिरा प्रियदर्शीनी बैंक साल 2006 में आर्थिक अनियमितता पाए जाने पर बंद हुआ था। जानकारी के मुताबिक इंदिरा बैंक में 54 करोड़ का घोटाला सामने आया था जिसके बाद सभी खातेदारों में हड़कंप मच गया था। बैंक में करीब 22 हजार खातेदार थे। घोटाला उजागर होने के बाद बैंक ने अपने आप को डिफाल्टर घोषित कर दिया था और इंश्योरेंस कंपनियों की मदद से खातेदारों को राशि भी लौटाई थी। लेकिन यह राशि काफी कम थी। इस मामले में बैंक के तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट भी किया गया था। उन्होंने बताया कि अभी भी बैंक के बहुत से खातेदार ऐसे हैं, जिनके पैसे पूरी तरह से डूब गए।