बिलासपुर। CG NEWS : नए शिक्षा सत्र की शुरुआत सोमवार को तिलक लगाकर की गई वहीं अधिकांश स्कूल ऐसे भी हैं जहां स्कूल भवन का निर्माण चल रहा है। स्कूल परिसर में घुटने तक पानी भरा हुआ है, तो कहीं स्कूल पहुंच मार्ग कीचड़ एवं गंदगी से अटा पड़ा है।न्यायधानी के लाजपत राय स्कूल, अंबेडकर स्कूल, तार बाहर प्राथमिक स्कूल की जर्जर हालत को देखकर नहीं लगता यह शिक्षा के केंद्र हैं। कई स्कूलों में बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। तारबहार के घोड़ा दाना स्कूल में 90 बच्चे पंजीकृत है, सर्वे के बाद और छात्रों के प्रवेश होने की बात कही जा रही है। इनके लिए महज तीन ही कमरे हैं, एक कमरे में प्रधान पाठक कार्यालय है। वहीं दो कमरे किसी कबाड़ से कम नहीं नजर आते। 90 बच्चों के लिए मात्र 3 शिक्षक है, जिसमें से एक प्रधान पाठक है, मजेदार बात है कि पहली एवं दूसरी कक्षा के छात्रों को एक ही मैडम एक ही कमरे में पढ़ाती है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पढ़ाई कैसे होती होगी और उसका स्तर क्या होगा, जो शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है।
प्रधान पाठक ने बताया छात्रों की तुलना में कक्षा की संख्या कम है अतिरिक्त कक्षा की मांग पर सामने चार कमरे वाला भवन दिया गया है वो भी अधूरा है। नए शिक्षा सत्र में इस आधे अधूरे निर्माण में पढ़ाई कैसे होगी यह एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है । अधूरे नवनिर्मित भवन में ना पानी हैं न शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाय हैं, स्कूल की प्रधान पाठीका ने बताया इस अव्यवस्था के बीच हम पढ़ाने मजबूर हैं स्कूल शिक्षा विभाग से शिकायत एवं मांग की गई है फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
इस तरह के हालात लगभग अधिकांश स्कूलों में देखने को मिले है। जब शहरी क्षेत्रों का यह हाल है तो अंदाजा लगाया जा सकता है ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल का क्या हाल होगा। इस विषय में जब जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा अभी शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में व्यस्त हैं ,। एक तरफ प्रवेश उत्सव तो दूसरी ओर जर्जर स्कूलों की दयनीय हालात। ऐसे में वास्तविकता आपके सामने हैं यह सारी व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग के दावों की पोल खोल रहा है।