कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच अमरनाथ यात्रा आज 1 जुलाई से शुरु हो गई है. भक्तों का पहला जत्था अमरनाथ गुफा के लिए रवाना कर दिया गया है. श्रद्धालु पूरे जोश और उत्साह के साथ भगवान का जयकारा लगाते हुए निकल पड़े हैं. पहले जत्थे में 3,400 से अधिक तीर्थयात्री शामिल हैं।
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अमरनाथ यात्रा अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर छोटे लेकिन खड़ी बालटाल मार्ग को जोड़ने वाले मार्गों पर एक तीर्थयात्रा है. हिंदू धर्म( hindu dharm) में पवित्र मानी जाने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा, हिमालय के बीच दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर में स्थित है. अमरनाथ को भगवान शिव के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है. यात्रा हिंदू कैलेंडर के श्रावण महीने में होती है और यही एकमात्र समय है जब गुफाएं आम जनता के लिए पहुंच के लिए संभव होती है. यह यात्रा इस साल 31 अगस्त तक चलेगी।
इस वर्ष सुरक्षा( safety) उपाय बढ़ाए गए
अमरनाथ यात्रा का मार्ग बहुत ही कठिन होता है, इसलिए यात्रा के दौरान दुर्भाग्यपूर्ण धटनाएं आम होती हैं. इस वर्ष एक बड़ा बदलाव यह है कि गुफा मंदिर में तैनात सुरक्षा टीमों को पहाड़ी पर युद्ध का प्रशिक्षण प्राप्त है. केंद्रीय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ‘सीआरपीएफ’ की जगह भारत तिब्बत सीमा पुलिस ‘आईटीबीपी’ के पर्वतीय युद्ध प्रशिक्षित कर्मियों ने ले ली है.
शिवरों की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी
सीआरपीएफ अब गुफा मंदिर की सीढ़ियों के ठीक नीचे मौजूद रहेगी, जबकि आईटीबीपी और सीमा सुरक्षा बल ‘बीएसएफ’ लगभग आधा दर्जन शिविरों की सुरक्षा करेंगे.