सावन का महीना इस बार दो चरणों में संपन्न होने वाला है. जिसके चलते सोमवारी व्रत भी दो चरणों में होने वाला है. पहला चरण 4 से 17 जुलाई तक, वहीं मलमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक और उसके बाद पुन: 17 अगस्त से 31 अगस्त तक सावन रहेगा. बता दें कि अधिकमास के कारण सावन इस बार दो महीने यानी 58 दिनों का होगा लेकिन सावन महीने में किये जाने वाले अनुष्ठान दो चरणों में पूरा किए. जिसमें पहले 15 दिनों के कृष्ण पक्ष और उसके बाद दूसरा 15 दिनों का शुक्ल पक्ष की मान्यता होगी
पहला सावन सोमवार व्रत- 10 जुलाई
दूसरा सावन सोमवार व्रत- 17 जुलाई
इस बीच 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास रहेगा. जिसमें पड़ने वाले सोमवारी व्रत मान्य नहीं होंगे.
सावन का दूसरा चरण में 17 अगस्त से 31 अगस्त तक है इसमें भी दो सावन सोमवारी व्रत पड़ेंगे-
सावन में तामसिक भोजन, मदिरा, लहसून-प्याज, हरी पत्तेदार सब्जियों, का त्याग करें. सावन में शरीर पर तेल लगाना अशुभ माना जाता है. इस महीने में तन के साथ मन की शुद्धता भी रखें, तभी शिव पूजा का फल मिलेगा. शिव जी के प्रिय माह में ब्रह्मचर्य का पालन करें.
सावन के पहले दिन ऐसे करें शिव पूजा
सावन के पहले दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें. शिव मंदिर या घर में शिवलिंग का गंगाजल, गाय के कच्चे दूध या फिर गन्ने के रस से अभिषेक करें. चंदन, अक्षत, फूल, बेलपत्र, शमी के पत्ते, धतूरा, भांग भी भोलेनाथ को अर्पित करें. माता पार्वती पर फूल भी चढ़ाएं. घी का दीपक जलाने के बाद शिव चालीसा का पाठ करें और फिर शाम को इसी विधि से पूजन करें. मान्यता है इससे शिव बेहद प्रसन्न होते हैं