छुरा।आदिवासी विकास खंड छुरा में दिव्यांगो की हालात बहुत ही खराब है ।जनपद में बैठे अधिकारी और समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी केवल खानापूर्ति कर रहे है।जिससे दिव्यांगों को उनका हक ,अधिकार सहित शासकीय योजनाओ का लाभ नहीं मिल पा रहा है ।और ऐसा ही हाल ग्राम पंचायत टोनहीडबरी के आश्रित ग्राम रक्सी में 27 वर्षीय यशवंत का है जो एक गरीब वर्ग के आदिवासी परिवार से है ।जो एक ऐसा दिव्यांग कलाकार है जो दोनों आंखों से देख नहीं सकते उसके बाद भी अपने मेहनत और लगन से अपनी ख्वाहिश पूरी किया हैं ।
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रामायण, भागवत जैसे धार्मिक आयोजनों में जाकर थोड़े थोड़े पैसे बचा कर अपनी अलग पहचान बनाने की चाह में कड़ी मेहनत की और अपने कमाई से एक आर्गन वाद्य यंत्र खरीदा पर विडंबना की बात है की एसे कलाकारों पर शासन प्रशासन के जिम्मेदारों की नजर अब तक नहीं पड़ रहा है ।साथ ही जनप्रतिनिधि जिसमे राजिम विधायक,महासमुंद सांसद ,स्थानीय जिला पंचायत सदस्य , जनपद सदस्य और ग्राम पंचायत भी इनके लिए कोई अनुदान और सहायता राशि नही दे रहे है ।ना ही कोशिश कर रहे है। महज 350 रुपया के पेंशन से क्या गुजारा होगा। जब मीडिया कर्मी और कुछ समाजसेवी ने उनके घर पहुंच कर हालचाल जाने तो पूछने पर यशवंत ने बताया की हम लोग बहुत गरीब हैं फिर भी मैंने काफी मेहनत कर अपना एक छोटा सा सपना पूरा किया हूं।
धार्मिक आयोजनों में गांव-गांव जाकर थोड़े थोड़े पैसे बचा लेता था
भागवत ,रामायण जैसे धार्मिक आयोजनों में गांव-गांव जाकर थोड़े थोड़े पैसे बचा लेता था । ऐसे करते-करते पैसे इकट्ठा किया तब जाकर मैंने अपने आर्गन लेने का सपना पूरा किया।मैं गीत भी गा लेता हूं साथ ही नाल, हारमोनियम, आर्गन सभी वाद्य यंत्र बजा लेता हूं लेकिन सरकार की नजर हम जैसे छोटे कलाकारों पर नहीं पढ़ पाई आज तक शासन प्रशासन से मुझे कोई मदद नहीं मिला और मैं 12 वी पास भी हूं। यशवंत नेताम की कला को जन जन तक पहुंचाने शासन प्रशासन से और उसकी मदद की आवश्यकता है ।
नागेश तिवारी की रिपोर्ट