रायपुर। CM भूपेश बघेल ने श्रावण मास के प्रथम सोमवार की शुभकामनाएं दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा – बोलो! हर-हर महादेव, पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं। भगवान शिव की कृपा हम सभी पर बनी रहे। सबके जीवन में सुख,समृद्धि और खुशहाली का संचार हो।
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मान्यता है कि सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत कर विधि विधान से पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। तथा जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण होता है। शिव पुराण में इस दिन का खास उल्लेख किया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन कुछ खास उपाय करने से वैवाहिक जीवन में आ रही अड़चन से मुक्ति मिलती है। हिंदू पंचागं के अनुसार इस बार सावन मास कुल 59 दिनों का है, जिसमें कुल 8 सोमवार पड़ रहे हैं। आज यानी 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 38 मिनट से 07 बजकर 22 मिनट तक है।
बोलो! हर-हर महादेव
पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं।
भगवान शिव की कृपा हम सभी पर बनी रहे।
सबके जीवन में सुख,समृद्धि और खुशहाली का संचार हो।
संसार है जिनकी शरणों में
है नमन उन महादेव के चरणों में🙏🏻 pic.twitter.com/KwNh0SSwHy
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 10, 2023
सावन की कथा (savan )
सावन से कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं. कहा जाता है कि यह सावन का ही माह था जब माता पार्वती (Mata Parvati) ने घोर तपस्या कर भोलेनाथ से विवाह की इच्छा जताई थी और भोलेनाथ ने उनकी मनोकामना पूर्ण की थी. इसके अतिरिक्त सावन से साहुकार की बहुप्रचलित कथा जुड़ी है. कथा के अनुसार, एक समय की बात है जब एक नगर में साहुकार रहता था जिसके घर धन की कमी नहीं थी लेकिन उसके कोई संतान नहीं थी. यह साहुकार हर सोमवार व्रत रख भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती का व्रत रखता था जिससे इससे संतान प्राप्ति हो जाए. भगवान शिव ने माता पार्वती के आग्रप पर साहुकार की भक्ति देख उसे संतान दी. साहुकार के यहां बेटा हुआ लेकिन उसकी अल्पायु थी। साहुकार ने यह बात जान बेटे को ग्यारह वर्ष की आयु का होते ही मामा के साथ काशी रवाना कर दिया. माता-पिता को लगा कि बालक जल्द ही मर जाएगा और कभी नहीं लोटेगा. लेकिन उनकी वेदना माता पार्वती से देखी नहीं गई. माता पार्वती ने एकबार फिर भोलेनाथ से आग्रह किया और साहुकार के बेटे की 12 वर्ष में मृत्यु हो जाने के बाद भी भगवान शिव ने उसे पुनर्जीवित कर दिया. इसीलिए कहा जाता है कि भगवान शिव की आराधना करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।