सुप्रीम कोर्ट ने दो हजार के नोटों को बिना किसी रिक्विजिशन स्लिप और आईडी प्रूफ के बदलने की अनुमति के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। बता दें 2000 के नोटों को प्रचलन से बाहर किया जा रहा है।
अश्विनी उपाध्याय ने यह भी दावा किया कि बहुत कम समय में 2000 रुपये के नोटों के बदले बैंकों ने ग्राहकों को 50000 करोड़ रुपये के नोट लौटाए हैं। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को 2000 के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी। लोग इन नोटों को 30 सितंबर तक बैंक अकाउंट में जमा कर सकते हैं या कम कीमत के नोट से बदल सकते हैं।
अश्विनी उपाध्याय ने याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील
कोर्ट ने बिना स्लिप और पहचान पत्र के 2000 रुपये के नोटों को बदलने की अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर अपनी रजिस्ट्री से रिपोर्ट भी मांगी थी। उल्लेखनीय है कि अश्विनी उपाध्याय ने याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील करते हुए कहा था कि अपराधी और आतंकवादी भी 2000 रुपये के नोट बिना किसी स्लिप और पहचान पत्र के बदल रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह RBI का पॉलिसी डिसीजन
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह RBI का पॉलिसी डिसीजन है। सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय से सवाल किया कि मान लीजिए आप सब्जीवाले को 2000 का नोट देते हैं, तो क्या वो आपसे ID प्रूफ मांगेगा। यह शासन का मसला है। इस तरह से बहुत बड़े पैमाने पर ट्रांजैक्शन हो रहा है। क्या आप कहेंगे कि सभी अवैध हैं?दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 29 मई को फैसले में कहा था कि यह RBI का पॉलिसी डिसीजन है। इसमें अदालत को दखल नहीं देना चाहिए। अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से 2 बार अर्जेंट हियरिंग की अपील भी की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।