रायपुर। CG VIDHANSABHA BREAKING : छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आज शून्यकाल में भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। भाजपा ने स्थगन प्रस्ताव किया। गृहमंत्री के जवाब के बाद अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया। नारेबाजी करते हुए विपक्ष के सदस्य गर्भगृह में आ गए। अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित कर दिया।
मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा मार्ग पर अनुसूचित जाति जनजाति के युवाओं के नग्न प्रदर्शन और उन युवाओं की गिरफ्तारी का मामला सदन में गूंजा। विपक्ष ने इस मामले पर सरकार को जमकर घेरा। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, कृष्णमूर्ति बांधी, धर्मजीत सिंह, इंदु बंजारे सहित विपक्ष ने इस प्रदर्शन के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि यह बहुत संवेदनशील मामला है। एक ही विकल्प है कि राजनीति से ऊपर उठकर मुख्यसचिव की अध्यक्षता में संबंधित विभाग के अधिकारियों की हाई पॉवर कमेटी बनाकर समाधान किया जाए। फर्जी प्रमाण पत्र के दोषियों पर कार्रवाई की जाए। भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा ने सरकार पर आरोपों की बरसात करते हुए कहा कि सतनामी समाज, आदिवासी समाज माफ नहीं करेगा। इस पर सत्ता पक्ष से कवासी लखमा, शिवकुमार डहरिया, बृहस्पत सिंह सहित अन्य ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया। साथ ही मुख्यमंत्री से इस्तीफा की मांग करते हुए गर्भगृह में घुसकर नारेबाजी करने लगे, जिसपर स्पीकर चरणदास महंत ने सभी 13 बीजेपी विधायकों को सदन से निलंबित करने की घोषणा कर दी। थोड़ी देर बाद स्पीकर ने इनका निलंबन समाप्त करते हुए सभी को वापस सदन में बुला लिया।