राजस्थान में अब डेड बॉडी रखकर विरोध प्रदर्शन करने और समय पर अंतिम संस्कार नहीं करने वालों को 2 साल से लेकर 5 साल तक की जेल हो सकती है. जुर्माना भी लगाया जा सकता है. परिजन डेड बॉडी लेने से मना करते हैं तो उन्हें एक साल की सजा हो सकती है। राजस्थान सरकार डेड बॉडी के सम्मान वाला बिल लेकर आई है, जिसे गुरुवार को विधानसभा में बहस के बाद पारित कर दिया गया. इस बिल का नाम ‘राजस्थान मृतक शरीर के सम्मान का विधेयक’ है।
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बिल के अनुसार कोई भी फैमिली मेंबर डेड बॉडी को अपने कब्जे में नहीं लेता तो उसे 1 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बिल में प्रावधान किया है कि मरने वाले के परिजनों को समय पर मृतक का अंतिम संस्कार करना होगा। जब तक जरूरी नहीं हो, जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करना होगा। अंतिम संस्कार में देरी तभी की जा सकेगी, जब परिजन बाहर से आने वाले हों या पोस्टमाॅर्टम करना हो।
आज पारित हुए डेड बॉडी के सम्मान विधेयक के प्रावधानों के अनुसार…
– परिजन को मृतक का समय पर अंतिम संस्कार करना होगा। अंतिम संस्कार में देरी तभी की जा सकेगी, जब परिजन बाहर से आने वाले हों या पोस्टमॉर्टम करना हो।
– यदि कोई भी परिवार का सदस्य डेड बॉडी का इस्तेमाल विरोध करने के लिए करता है या किसी भी नेता को डेड बॉडी का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन में करने देता है तो उसे भी 2 साल तक की सजा हो सकती है।
– अगर कोई नेता या गैर परिजन किसी डेड बॉडी का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन के लिए करता तो उसे 5 साल तक की सजा हो सकती है।
– विरोध जताते हुए डेड बॉडी नहीं लेने पर परिजनों को एक साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
– अब डेड बॉडी को लेकर विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। न तो परिवार के सदस्य डेड बॉडी के साथ विरोध प्रदर्शन कर सकेंगे और न ही किसी थर्ड पार्टी को इसकी अनुमति होगी।
– अगर किसी थानाधिकारी या अफसर को यह लगता है कि डेड बॉडी का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन के लिए किया जा रहा हैं तो वह एसडीएम की अनुमति लेकर उसे कब्जे में ले सकेगा।
– अगर डेड बॉडी का अंतिम संस्कार 24 घंटे में नहीं किया जाता है तो पुलिस से सूचना मिलने के बाद संबंधित मजिस्ट्रेट या एसडीएम डेड बॉडी के अंतिम संस्कार के लिए परिवार को नोटिस भेजेंगे।
– अगर कोई पुख्ता कारण सामने आता है तो मजिस्ट्रेट इस समय अवधि को बढ़ा भी सकेगा, लेकिन इसके बाद भी परिवार अंतिम संस्कार नहीं करता हैं तो प्रशासन अपने स्तर पर अंतिम संस्कार करेगा।
– लावारिस शवों को सम्मान से डीप फ्रीजर में रखना होगा। इसी के साथ महिला और पुरुष की डेड बॉडी को अलग-अलग रखा जाएगा।
– लावारिस डेड बॉडी के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करनी होगी।
– लावारिस मिले शवों के जेनेटिक डेटा की सूचना डीएनए प्रोफाइलिंग से ली जाएगी।
– लावारिस लाशों का डेटा बैंक बनाया जाएगा। जिसमें उनके जेनेटिक प्रोफाइल और बायोलॉजिकल सैंपल को स्टोर किया जाएगा।
– इसी के साथ राज्य सरकार लावारिस शवों का जिलेवार डिजिटल डेटा बैंक बनाएगी। डिजिटल डेटा को स्टोरेज करने के लिए एक वेब पोर्टल होगा।
– लावारिस डेड बॉडी के डेटा को लापता व्यक्तियों के डेटा के साथ मिलान करने के लिए उपयोग में लिया जा सकता है।
– लावारिस शवों से संबंधित डेटा गोपनीय रहेगा। अगर कोई भी जेनेटिक डेटा और इससे जुड़ी जानकारी उजागर करेगा तो उसे सजा का प्रावधान है। इसके लिए 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।