रायपुर। CG VIDHANSABHA : उचित मूल्य दुकानों के सितंबर 2022 के बचत स्टाक के सत्यापान उपरांंत स्टाक वितरण में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों के विरुध्द कार्यवाही की घोषणा की गई थी। रमन सिंह ने केंद्र को दो बार पत्र लिखा, केंद्र से जांच टीम आई और जांच में शिकायत को निराधार पाया। कौशिक ने 5100 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए दोषी अधिकारियों को संरक्षण देने की बाते कही। इसके बाद सदन में दोनों तरफ से शोरशराबा होने लगा। विपक्ष ने घोटाला का आरोप लगाते हुए पूछा सरकार इस मामले में क्या कार्यवाही कर रही है। मंत्री ने दोहराया कि केंद्र से टीम आई जांच की लेकिन कोई घोटाला नहीं साबित हुआ। सौरभ सिंह ने पूछा कि आप किस अधिकारी पर कार्यवाही कर कर रहे हैं। इस पर दोनों तरफ से फिर हंगामा शुरू हो गया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।
मामला खाद्यान्न योजना में गड़बड़ी को लेकर था। यह प्रश्न पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का था, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में सौरभ सिंह ने यह प्रश्न किया। रमन सिंह ने पूछा था कि खाद्यान्न योजना में पूर्व में हुई अनियमितता के संबंध में 24 मार्च 2023 तक रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के आश्वासन दिया गया था। इस संबंध में किन- किन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। डॉ. रमन ने यह भी पूछा था कि राज्य की 133333 दुकानों में से कितनी दुकानों में अनियमितता पाई गई।
इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि सितंबर 2022 के बचत स्टॉक के सत्यापन के बाद स्टॉक विवरण में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही की घोषणा सदन में की गई थी। मंत्री ने बताया कि इस मामले में बिलासपुर हाई कोर्ट में 34 याचिकाएं दाखिल हैं। उनमें अंतिम फैसला आना बाकी है।