कोरबा। CG NEWS : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के लेमरु थानांतर्गत बांगो बांध के डूबान क्षेत्र में नाव पर सवार होकर मत्स्याखेट करना एक परिवार के लिए महंगा साबित हुआ। अचानक तेज हवा तुफान के साथ हुई बारिश के चलते नाव अनियंत्रित होकर पलट गई। जिससे नाव में सवार महिला गहरे पानी में डूब गई। घटना के कुछ घंटे बाद महिला की लाश पानी में तैरती मिली। यह घटना लेमरू थाना क्षेत्र के ग्राम कांटाद्वारी की है। पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई उपरांत जांच शुरू कर दी है।
गांव में श्याम सिंह का परिवार निवास करता है। श्याम सिहं अपनी पत्नी फूलबाई कंवर के साथ बांगो बांध के डूबान क्षेत्र में झोपड़ी बनाकर रहते हैं। वे डूबान क्षेत्र में मत्स्याखेट कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। पति-पत्नी दोनों अलग-अलग नाव में सवार होकर मत्स्याखेट के लिए निकले हुए थे। वे दोनों हसदेव नदी के तिमंगला क्षेत्र तक साथ ही चल रहे थे, इसके बाद एक दूसरे से काफी दूर निकल गए। इसी दौरान अचानक मौसम ने करवट ली। तेज हवा और तुफान के साथ मूसलाधार बारिश होने लगी।
बारिश होता देख श्याम सिंह झोपड़ी की ओर लौट आया, जबकि महिला नही लौटी। बारिश थमने के बाद पड़ोस में ही झोपड़ी बनाकर रहने वाला एक ग्रामीण भी तिमंगला क्षेत्र की ओर गया हुआ था। तभी उसकी नजर पानी में तैर रही साड़ी पर पड़ी। जिसकी जानकारी ग्रामीण ने श्याम सिंह को दी। वे डूबान क्षेत्र में पहुंचे तो फूलबाई की नाव पलटी हुई थी। उसकी साड़ी नाव में फंसा हुआ था।
वहीं फूलबाई की पानी में डूबने से मौत हो चुकी थी। जिसकी सूचना पुलिस को दे दी गई। सूचना मिलते ही लेमरू थाना प्रभारी कृष्णा साहू अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस की देखरेख में शव को डूबान क्षेत्र से बाहर निकाला गया। पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई कर मृतिका का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपूर्द कर दिया है। जिले के नदी नालों, सहायक नदियों, छोटे बड़े जलाशयों में मत्स्याखेट पर 15 अगस्त तक प्रतिबंध लगाया गया है। मत्स्याखेट करते पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान रखा गया है। कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां नियमों की अनदेखी की जाती है। लोग मछली पकड़कर दूर-दराज में खपा देते हैं। नियमों का पालन सुनिश्चित करने व मॉनिटरिंग की जवाबदारी मत्स्य विभाग की होती है, लेकिन विभाग सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है।