उत्तरप्रदेश। Gyanvapi Case : ज्ञानवापी परिसर का सर्वे एएसआई की टीम ने शुरू कर दिया है। हिंदू पक्ष ने जहां सर्वे में सहयोग की बात कही है वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज के आदेश के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला देकर सर्वे की तिथि आगे बढ़ाने की मांग रखी है।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मस्जिद में कोई तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए। इस पर सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोई तोड़फोड़ नहीं की गई है और ना ही इसकी योजना है। अभी सिर्फ सर्वे में मस्जिद की नपाई का काम किया जा रहा है।
आज सुबह 7 बजे से सर्वे शुरू हुआ है। मुस्लिम पक्ष ने सभी याचिकाओं पर हो रही सुनवाई पर रोक की मांग की है। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हमें 2 दिनों का वक्त दे दिया जाए, ताकि हम ASI के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकें। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने बात की है। एक हफ्ते तक खुदाई आदि नहीं होगी। एक ईंट तक नहीं हटाई गई है। सर्वे, वीडियोग्राफी और मैपिंग आदि हो रही है। इस पर सीजेआई ने कहा कि तो हम ASI के बयान को रिकॉर्ड करेंगे और मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की इजाजत देंगे। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि फिलहाल ऐसा कुछ नहीं हो रहा है, जिससे धार्मिक चरित्र बदले।
निचली अदालत ने ASI सर्वे का दिया आदेश
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हुजेफा अहमदी ने मामले को रखा और कहा कि शुक्रवार को निचली अदालत ने ASI सर्वे का आदेश दिया, जबकि सुप्रीम कोर्ट से संरक्षित क्षेत्र में सर्वे पर रोक लगाई है तो इससे बाहर भी सर्वे ना हो। ये एक तरीके से अवमानना है। हिंदू पक्ष ने विरोध किया और कहा कि ASI सर्वे का मामला सूचिबद्ध नहीं है। सील किया हुआ एरिया इस सर्वे में शामिल नहीं है।