केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी साफगोई और मुखर बोलने के लिए जाने जाते हैं. एक बार फिर उन्होंने खुद का चुनावी किस्सा सुनाते हुए बताया कि कैसे वे एक-एक किलो मटन बांटने के बाद भी चुनाव हार गए थे. उन्होंने कहा कि वोटर(voters ) बहुत होशियार हैं, वे माल सबका खाते हैं और वोट उसी को देते हैं, जिसे उन्हें देना होता जिसे उन्हें देना होता है.
गडकरी ने कहा कि मतदाता बहुत ही होशियार होता है. लोग ये बोलते हैं कि जो दे रहा है, उसे खा लेना चाहिए. मगर वोट उसे ही दो, जिसे देना होता है. उन्होंने कहा, जब आप लोगों पर विश्वास पैदा करते हो, तभी वे भी विश्वास करते हैं. इसमें किसी तरह के पोस्टर बैनर की आवश्यकता नहीं होती है. वोटर को किसी भी लालच की जरूरत नहीं होती है. उसको आप पर विश्वास रखना होता है. गडकरी के अनुसार, होर्डिंग्स लगाने या मटन पार्टी देने से कोई चुनाव जीता नहीं जा सकता है. जनता का विश्वास और प्यार को बनाए रखना चाहिए. चुनाव के दौरान प्रलोभन दिखाने के बजाय लोगों के दिलों में प्यार और विश्वास बढ़ाएं।
अकसर लोग कहते हैं कि सर MP का टिकट दे दो
नितिन गड़करी ने कहा, कि अकसर लोग कहते हैं कि सर MP का टिकट दे दो. अगर नहीं तो MLA का टिकट सही. नहीं तो MLC ही बना दो. अगर ये नहीं तो आयोग दे दो. अगर ये नहीं तो मेडिकल कॉलेज दे दो. मेडिकल कॉलेज नहीं तो इंजीनियरिंग कॉलेज या फिर Bed कालेज को दे दो. अगर ऐसा नहीं हो सकता तो कि कोई प्राइमरी स्कूल दे दीजिए. गडकरी ने कहा, इस तरह से देश नहीं बदल सकता है।