रायपुर। प्रदेश में कंजेक्टिवाइटिस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. प्रदेशभर में सप्ताहभार में कंजेक्टिवाइटिस के 19 हजार 155 मरीज सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में मोतियाबिंद के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है.
बता दें कि बीते 23 जुलाई को बालोद के आदिवासी विकासखंड डौंडी अंतर्गत संयुक्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के लगभग 17 बच्चे कंजेक्टिवाइटिस इंफेक्शन यानी आंख के इंफेक्शन का शिकार हो हुए हैं. सभी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डौंडी में उपचार करवाकर कैंपस के अंदर अलग कैंप में रखा गया है। पिछले हफ्ते से प्रदेश में कंजेक्टिवाइटिस के मरीज सामने आ रहे हैं. ये इंफेक्शन तेजी से लोगों में फैल रही है. रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में इसके केस सामने आए हैं. इसके अलावा स्कूलों में भी ये इंफेक्शन तेजी से फैल रही है
कंजक्टिवाइटिस? (आंखों की सबसे सामान्य समस्या)
हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजक्टिवा होती है जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है, इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं।
जब कंजक्टिवा की छोटी-छोटी रक्त नलिकाएं सूज जाती हैं, तब ये अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगती हैं और आंखों का सफेद भाग लाल या गुलाबी दिखने लगता है। इसलिए इसे पिंक आई भी कहा जाता है।
कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वाइरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है।
छोटे बच्चों में टियर डक्ट (अश्रु नलिका) के पूरी तरह खुला न होने से भी अक्सर पिंक आई की समस्या हो जाती है।
यह एक अत्यंत संक्रामक स्थिति है, इसलिए इसका तुरंत उपचार जरूरी है।
क्या हैं कारण?
नवजात शिशुओं में टियर डक्ट के (अश्रु नलिका) बंद होने के कारण कंजक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है।
अन्य लोगों में संक्रमण, एलर्जीस, रसायनों का एक्सपोज़र इसका कारण बन सकता है।
वायरल कंजक्टिवाइटिस
इसके अधिकतर मामले एडेनोवायरस के कारण होते हैं। इसके अलावा हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस, वैरिसेला जोस्टर वायरस और अन्य वायरस जिसमें कोरोना वायरस भी सम्मिलित है, इसका कारण बन सकते है।
वायरल कंजक्टिवाइटिस अक्सर एक आंख में होता है, कुछ दिनों में दूसरी आंख में भी फैल जाता है।
बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस
कुछ बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण भी कंजक्टिवाइटिस हो जाता है। वायरस और बैक्टीरिया दोनों से ही होने वाला कंजक्टिवाइटिस संक्रामक होता है।
संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले डिसचार्ज के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने के द्वारा यह फैल सकता है।
संक्रमण एक या दोनों आंखों में हो सकता है।
एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस
एलर्जी करने वाले पदार्थों जैसे परागकण आदि के संपर्क में आने पर एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस हो सकता है।