हिंसाग्रस्त मणिपुर में कुकी जनजाति के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक रैली में मिजोरम के सीएम ज़ोरमथांगा के भाग लेने के एक दिन बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने उन्हें आगाह किया है।
दरअसल, मिजोरम सरकार मणिपुर से विस्थापित हो चुके करीब 13,000 लोगों को पनाह दे रही है. ये सभी कुकी-ज़ो जनजाति के हैं. 3 मई को मणिपुर में झड़पें शुरू होने के बाद से ये सभी पलायन कर गए थे. मिजोरम के मिजो जनजाति का म्यांमार के कुकी-ज़ो जनजाति और चिन लोगों के साथ एक मजबूत संबंध है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री ने क्या कहा
बीरेन सिंह ने कहा, “मैं मिजोरम के मुख्यमंत्री से दूसरे राज्य के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करने को कहता हूं.” उन्होंने यूरोपीय संसद की भी आलोचना की, जिसने जमीनी हकीकत को जाने बिना 13 जुलाई को एक प्रस्ताव पारित किया. इसमें भारतीय अधिकारियों से धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने को कहा गया था. जबकि मणिपुर में मुद्दा धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है.सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कुकियों की अलग प्रशासन की मांग को खारिज कर दिया।