साल 2023 में कई खगोलीय घटनाएं हो रही हैं जो प्रकृति की अनूठी छटा प्रस्तुत करती हैं. अगस्त के महीने में ही 2 परिघटनाएं होने वाली हैं जिनमें से एक है सुपरमून और दूसरा ब्लू मून यानी दूसरा सुपरमून. आज रात पहली परिघटना होगी यानी सुपरमून नजर आने वाला है. सुपरमून (Supermoon) दिखने का अर्थ है चांद का सामान्य दिनों से ज्यादा बड़ा दिखना है ।
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अगस्त में ही दूसरा सुपरमून भी नजर आएगा जिसे ब्लू मून (Blue Moon) भी कहा जाता है. यह 30 अगस्त की रात दिखाई देगा. चांद को ब्लू मून तब कहते हैं जब एक ही महीने में 2 सुपरमून नजर आते हैं. आखिरी बार 2 सुपरमून एकसाथ अगस्त के महीने में साल 2018 में नजर आए थे और अगली बार ऐसा साल 2027 में हो सकता है।
चांद पृथ्वी के करीब होगा और पूर्णिमा भी रहेगी
पूर्णिमा से अमावस्या तक चांद के घटने बढ़ने के आठ चरण होते हैं, जो हर 29.5 दिन में दोहराए जाते हैं। चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है और जब प्रकाश चांद के पिछले हिस्से पर पड़ता है तो यह नहीं दिखता। इस घटना को अमावस्या या न्यू मून कहते हैं। वहीं जब प्रकाश ऐसा पड़े कि पूरा चांद चमकता हुआ दिखे तो वह पूर्णिमा कहलाता है। वेबसाइट के मुताबिक इस साल चार बार ऐसे मौके आएंगे जब चांद पृथ्वी के करीब होगा और पूर्णिमा भी रहेगी। इनमें से पहला 2-3 जुलाई को देखा गया था। दूसरा मौका एक अगस्त को आया है। सुपरमून देखने का तीसरा मौका 30-31 अगस्त को मिलेगा।
भारत में उस वक्त में दिखाएगा
सुपरमून को संसार के कई हिस्सों से देखा जा सकता है. भारत से इसे आज रात 12:02 मिनट पर देखा जा सकेगा. इस समय सुपरमून अपने चरम पर होगा. सुपरमून देखने के लिए मौसम का साफ रहना जरूरी है. मौसम सही हुआ तो बाइनोकुलर्स या बैक्यार्ड टेलेस्कोप की मदद से इसे बेहतर तरीके से देखा जा सकता है