भारत सरकार की हेल्थ स्कीम(health scheme ) ‘आयुष्मान भारत योजना’ में बड़ी खामियों को उजागर किया गया है. सरकार के खर्चों का हिसाब करने वाली संस्था ‘कॉम्पट्रॉलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया’ (CAG) ने इस योजना में हुई गड़बड़ियों को सामने रखा है. CAG ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब 7.5 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन सिर्फ एक फोन नंबर पर किया गया है।
रिपोर्ट में ये बात भी सामने निकलकर आई है कि इस योजना के तहत कई ऐसे लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, जो रजिस्ट्रेशन के लिए योग्य नहीं हैं. इन लोगों ने योजना का लाभ भी उठाया है. CAG रिपोर्ट(report ) में बताया गया है कि रजिस्ट्रेशन के लिए योग्य नहीं रहने वाले लोगों ने 22 करोड़ रुपये का लाभ लिया है. जिन 7.5 लाख लाभार्थियों ने आयुष्मान भारत का लाभ उठाया है, उनका रजिस्ट्रेशन 9999999999 नंबर से किया गया. मंगलवार को संसद में CAG से जुड़ी रिपोर्ट रखी गई।
इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा धांधली
मरे हुए व्यक्तियों के इलाज का दावे करने के सबसे ज्यादा मामले देश के पांच राज्यों में देखने को मिले हैं. इनमें छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, केरल और मध्य प्रदेश शामिल हैं. कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के दावों का सफल भुगतान राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों की ओर से अपेक्षित जांचों को सत्यापित किए बिना किया जाना बड़ी चूक की तरफ इशारा करता है. ऑडिट(audit ) में डेटा एनालाइज करते हुए ये भी पता चला कि इस योजना के एक ही लाभार्थी को एक ही समय में कई अस्पतालों में भर्ती किया गया. जुलाई 2020 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भी इस मुद्दे को उजागर किया था.
एनएचए ने कहा था कि ये मामले उन परिदृश्यों में सामने आते हैं जहां एक बच्चे का जन्म एक अस्पताल में होता है और मां की पीएमजेएवाई आईडी का उपयोग करके दूसरे अस्पताल में नवजात देखभाल के लिए ट्रांसफर(transfer ) कर दिया जाता है. लेकिन CAG की जांच में सामने आया है कि डेटाबेस में 48,387 मरीजों के 78,396 दावे पाए गए, जिसमें पहले के इलाज के लिए इन मरीजों की छुट्टी की तारीख, उसी मरीज के दूसरे इलाज के लिए अस्पताल में एंट्री की तारीख के बाद की थी. ऐसे मरीजों में 23,670 पुरुष मरीज शामिल हैं.