शनिवार का दिन न्याय के देवता और कर्म फलदाता शनि महाराज का दिन होता है. शनि जिनसे प्रसन्न होते हैं, उनका जीवन सुख-सौभाग्य से भर जाता है. लेकिन जिन लोगों पर शनि की अशुभ छाया पड़ जाती है, उनका बुरा वक्त शुरू हो जाता है.। ज्योतिष के अनुसार शनि नवग्रहों में ऐसे ग्रह हैं, जो सबसे मंद गति से चलते हैं. इसलिए शनि का बुरा प्रभाव या अशुभ छाया किसी राशि पर सबसे अधिक समय तक रहता है. शनि का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं. लेकिन शनि देव से केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि देवतागण भी भय रखते हैं
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- शनि देव दुर्बल और कमजोर लोगों के प्रति दयाभाव रखते हैं. यदि आप ऐसे लोगों का हक माकर खुद का पेट भरते हैं तो शनि का प्रकोप झेलने के लिए तैयार रहें.
- जो लोग देर से बिस्तर छोड़ते हैं और सूर्यास्त के समय सोते हैं, उनसे शनि देव कभी प्रसन्न नहीं होते.
- वृक्ष काटने वाले, गर्भपात करने या कराने वालों को भी शनि की बुरी दृष्टि का सामना करना पड़ता है.
- जो लोग माता-पिता और बुजुर्गों का अपमान करते हैं या उन्हें किसी भी तरह से कष्ट देते हैं. उन्हें भी शनि देव की नाराजगी झेलनी पड़ती है.
- झट-कपट कर लोग कुछ समय के लिए लाभ जरूर कमा लेते हैं. लेकिन ऐसे लोगों पर शनि की बुरी दृष्टि हमेशा रहती है. इसलिए ऐसे लोग सुकून से कभी जीवन नहीं बिता पाते.
- जो लोग कुत्ते को सताते हैं, उन्हें मारते हैं, भोजन नहीं देते, या भोजन के समय परेशान करते हैं. उन्हे शनि की बुरी दृष्टि का सामना करना पड़ता है.
- दिव्यांगों को परेशान करने वाले, उनका मजाक उड़ाने वाले, दृष्टिहीन लोगों को राह न दिखाने वालों से भी शनि देव नाराज रहते हैं.
मजदूर, सफाई कर्मचारी और घर पर काम करने वाले नौकर आदि से बुरा व्यवहार करने वालों या उन्हें परेशान करने वालों से भी शनि देव क्रोधित रहते हैं.
कैसे करें शनि को प्रसन्न
शनि देव को प्रसन्न रखने के लिए कभी उन कामों को न करें, जोकि शनि के नाराजगी का कारण बने. ऐसा करने से कुंडली में शनि ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ता है. लेकिन अगर आपकी कुंडली में शनि की बुरी दृष्टि है तो घबराएं नहीं. क्योंकि ज्योतिष में कुछ ऐसे उपायों और कामों के बारे में बताया गया है, जिससे अशुभ शनि को शुभ बना सकते हैं.
- तुलसी और पीपल में जल डालें.
- पेड़ काटने से बचें.
- गरीब-असहायों की मदद करें.
- माता-पिता का सम्मान करें और बुजुर्गों की सेवा करें.
- गर्भपात न कराएं और न ही भ्रूण परीक्षण कराएं.
- शनिवार के दिन शाम में पीपल वृक्ष के नीचे सरसों तेल का दीप जलाएं.