राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस 2023 की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को 76 वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इनमें चार कीर्ति चक्र (मरणोपरांत), 11 शौर्य चक्र, पांच मरणोपरांत सहित, दो बार टू सेना पदक (वीरता) शामिल हैं। , 52 सेना पदक (वीरता), तीन नाव सेना पदक (वीरता) और चार वायु सेना पदक (वीरता)।
77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन शुरू हो गया है। स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी, कहा- सभी देशवासी उत्साह के साथ अमृत महोत्सव मना रहे हैं।सभी लोग स्वतंत्रता दिवस को उत्साह के साथ मनाने की तैयारी कर रहे हैं। ये मुझे बचपन की याद भी दिला रहा है। जब तिरंगा फहराया जाता था तो लगता था कि शरीर में बिजली कौंध गई हो। मिठाई बांटी जाती थी। ये सब उत्साह से भर देता था। स्वतंत्रता दिवस हमें ये याद दिलाता है कि हम व्यक्ति नहीं हैं, हम विश्व के सबसे बड़े नागरिक समुदाय हैं।यह दिन हम सब के लिए गौरवपूर्ण और पावन है। चारों ओर उत्सव का वातावरण देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी अपने परिवार और कार्य-क्षेत्र से जुड़ी पहचान भी होती है। लेकिन हमारी एक पहचान ऐसी है जो इन सबसे ऊपर है, और हमारी वह पहचान है, भारत का नागरिक होना।
राष्ट्रपति ने इन महानायकों को किया याद
राष्ट्रपति ने कहा, ”हम सभी, समान रूप से, इस महान देश के नागरिक हैं. हम सब को समान अवसर और अधिकार उपलब्ध हैं और हमारे कर्तव्य भी समान हैं.” राष्ट्रपति ने कहा, ”गांधीजी और अन्य महानायकों ने भारत की आत्मा को फिर से जगाया और हमारी महान सभ्यता के मूल्यों का जन-जन में संचार किया. सरोजिनी नायडू, अम्मू स्वामीनाथन, रमा देवी, अरुणा आसफ अली और सुचेता कृपलानी जैसी अनेक महिला विभूतियों ने अपने बाद की सभी पीढ़ियों की महिलाओं के लिए आत्म-विश्वास के साथ, देश और समाज की सेवा करने के प्रेरक आदर्श प्रस्तुत किए हैं.”
महिलाएं राष्ट्र का गौरव बढ़ा रही हैं- राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ”आज महिलाएं विकास और देश सेवा के हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं और राष्ट्र का गौरव बढ़ा रही हैं. आज हमारी महिलाओं ने ऐसे अनेक क्षेत्रों में अपना विशेष स्थान बना लिया है जिनमें कुछ दशकों पहले उनकी भागीदारी की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. मैं सभी देशवासियों से आग्रह करती हूं कि वे महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता दें. मैं चाहूंगी कि हमारी बहनें और बेटियां साहस के साथ, हर तरह की चुनौतियों का सामना करें और जीवन में आगे बढ़ें.
राष्ट्रपति मुर्मू ने जी-20 का किया जिक्र
उन्होंने कहा, ”भारत पूरी दुनिया में विकास के लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. चूंकि G-20 समूह दुनिया की दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यह हमारे लिए वैश्विक प्राथमिकताओं को सही दिशा में ले जाने का एक अद्वितीय अवसर है.”
‘मुश्किल दौर में भारत की अर्थव्यवस्था दूसरों के लिए आशा का स्रोत बनी’
राष्ट्रपति ने कहा, ”देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली जीडीपी ग्रोथ भी दर्ज की है. मुश्किल दौर में भारत की अर्थव्यवस्था न केवल समर्थ सिद्ध हुई है, बल्कि दूसरों के लिए आशा का स्रोत भी बनी है. वंचितों को वरीयता प्रदान करना हमारी नीतियों और कार्यों के केंद्र में रहता है. परिणामस्वरूप पिछले दशक में बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकालना संभव हो पाया है.”
आदिवासी भाई-बहनों से राष्ट्रपति की अपील
उन्होंने कहा, ”मैं अपने आदिवासी भाई-बहनों से अपील करती हूं कि आप सब अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता को अपनाएं.” उन्होंने कहा, ”जरूरतमंदों की सहायता के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पहल की गई है और व्यापक स्तर पर कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. मैं एक शिक्षक रही हूं, इस नाते भी मैंने यह समझा है कि शिक्षा, सामाजिक सशक्तीकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है.”