सावन का महीना सबसे उत्तम माना गया है। इस माह में शिव जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। वैसे तो यह पूरा महीना विशेष फलदाई है, लेकिन सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार का अलग ही महत्व होता है। इस साल सावन में कुल 8 सोमवार पड़ रहे हैं, जिसमें से पांच सोमवार बीत चुके हैं। छठा सोमवार 14 अगस्त को है। सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। सुबह से ही शिव भक्त मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं।
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- सिद्धि योग – 13 अगस्त, दोपहर 03 बजकर 56 मिनट से 14 अगस्त को दोपहर 04 बजकर 40 मिनट तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग – 14 अगस्त, सुबह 11 बजकर 07 मिनट से 15 अगस्त को सुबह 05 बजकर 50 मिनट तक
इसी दिन सावन के अधिक मास शिवरात्रि भी है।
पूजा सामग्री
सावन माह में सोमवार पूजा के लिए फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री लें।
- सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
- साथ ही देवी पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं।
- पंचामृत से रुद्राभिषेक करें और बेल पत्र अर्पित करें।
- शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाएं। इसके बाद शिव जी के साथ माता पार्वती और गणेश जी को तिलक लगाएं।
- प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी-शक्कर का भोग लगाएं।
- आखिर में धूप, दीप से भगवान भोलेनाथ की आरती करें और पूरे दिन फलाहार हर कर शिव जी का स्मरण करते रहें।