देश को आजाद हुए आज 76 वर्ष पूरे हो चुके हैं और पूरा देश 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आजादी पर्व पर देशभक्ति की भावना देश की राजधानी दिल्ली से लेकर मुंबई और कश्मीर से कन्याकुमारी तक महसूस की जा रही है. आजादी के जश्न के लिए देशभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
10वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और आजादी के जश्न के मौके पर देश को लालकिला से संबोधित करेंगे. लाल किले के आसपास सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. लाल किले और उसके आसपास एक मल्टी लेयर सिक्योरिटी की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा दिल्ली के एंट्री पॉइंट पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और दिल्ली जाने वाले सभी भारी वाहनों पर दोपहर तक के लिए रोक लगा दी गई है. प्रधानमंत्री मोदी अब तक कुल नौ बार लाल किले से देश को संबोधित कर चुके हैं. इनमे से केवल एक बार उन्होंने देश को एक घंटे से कम समय के लिए संबोधित किया. 2017 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण केवल 56 मिनट का रहा था. ये उनका अब तक का सबसे छोटा भाषण है.
राष्ट्रगान के समय नियम
राष्ट्रगान के समय श्रोताओं को सावधान मुद्रा में खड़े हो जाने का नियम हे. लेकिन समाचार, डॉक्यूमेंट्री या फिल्म के अंश के रूप में राष्ट्रगान बजता है तो इस दौरान खड़े होने की अपेक्षा नहीं की जाती. साथ ही राष्ट्र ध्वज के फहराए जाने की तरह यह भी लोगों के विवेक पर छोड़ दिया गया है कि वे राष्ट्रगान को मनमाने ढंग से न गाएं-बजाएं.
इतिहास
ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत में व्यापार करने के तौर पर अपनी ट्रेडिंग कंपनी, जिसका नाम ईस्ट इंडिया कंपनी था, के साथ सूरत, गुजरात 1619 में कदम रखा. साल 1757 में ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) ने प्लासी का युद्ध जीतकर भारत का शासन अपने हाथों में ले लिया. ब्रिटिश साम्राज्य ने ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा भारत पर 150 सालों तक राज किया. वक्त के साथ-साथ यह शासन दमनकारी और क्रूर होता गया जिसके विद्रोह में भारतीय आवाज उठाने लगे. इसी दौरान महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल और भगत सिंह जैसे नेता और स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता संग्राम की शुरूआत की. भारत छोड़ो आंदोलन के चलते साल 1947 में आखिर भारतीय नागरियों को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली.
आजादी के बाद 15 अगस्त, 1947 को पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले (Red Fort) पर तिरंगा फहराया था. इसके बाद से ही हर साल स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा फहराकर देशवासियों को संबोधित करते हैं.
कुछ रोचक तथ्य
- पहली बार भारत का झंडा (National Flag) कलकत्ता के पारसी बगान स्क्वैर में 1906 में फहराया गया था. इस झंडे पर धार्मिक चिन्ह बने थे और आठ गुलाब थे जिनपर वंदे मातरम् लिखा था.
- साल 2002 से पहले भारत की आम जनता को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अलावा राष्ट्रीय ध्वज फहराने की इजाजत नहीं थी. इसके बाद 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैग कोड में बदलाव कर लोगों को कभी भी झंडा फहराने की मंजूरी दे दी.
- भारतीय ध्वज खादी का ही बना होना चाहिए. किसी और मटीरियल का ध्वज फहराने पर 3 साल तक की सजा का प्रावधान है.