देश में प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने तत्काल प्रभाव से प्याज पर 40 फीसदी की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि 31 दिसंबर 2023 तक यह ड्यूटी लागू रहेगी. प्याज की घरेलू उपलब्धता में सुधार के लिए यह ड्यूटी लगाई गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया है कि देश में सितंबर के महीने तक कीमते 55-60 रुपये प्रति किलोग्राम तक जाने की संभावना है. पिछले एक हफ्ते में देश में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है
सरकार प्याज का बफर स्टॉक जारी करेगी
पिछले सप्ताह सरकार ने कीमतों पर अंकुश के लिए बफर स्टॉक से प्याज जारी करने की घोषणा की थी. सरकार ने कहा था कि यह कदम अक्टूबर से नई फसल की आवक शुरू होने से पहले कीमतों को नियंत्रण में रखने के मकसद से उठाया जा रहा है. सरकार के सूत्रों के अनुसार, बफर स्टॉक से प्याज जारी करने के लिए कई विकल्प तलाशे जा रहे हैं. इनमें ई-नीलामी, ई-कॉमर्स के साथ-साथ राज्यों के माध्यम से उनकी उपभोक्ता सहकारी समितियों तथा खुदरा दुकानों से रियायती दरों पर बिक्री शामिल है.
विशेषज्ञों ने बताया यह कारण
सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के विभाग के प्राइस मॉनेटरिंग डिपोर्टमेंट के अनुसार इस महीने उत्तर भारत में प्याज की थोक कीमत में 1,000 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि प्याज की कीमतों में मौजूदा बढ़ोतरी सप्लाई की कमी के कारण है. देश के प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अप्रैल के महीने में हुई बेमौसम बारिश ने प्याज की फसल पर असर डाला है. एक्सपर्ट का कहना है कि सितंबर में प्याज की कीमतें और बढ़ने की संभावना है.