वीरेंद्र सोनी/ जिला – सारंगढ़ बिलाईगढ़
सरिया। Nag Panchami special : सांप का नाम लेते ही मानस पटल पर फुफकारते जहरीले भुजंगो की भयावह छवि छा जाती है। ऐसे में यदि देखा जाए की घुटनों के बल चलने वाले नन्हे बच्चे ऐसे जहरीले सांपों से खिलौने की तरह दिन भर खेलते हैं, तो एकबारगी यकीन करना मुश्किल होगा। नाग पंचमी के अवसर पर हमारे रिपोर्टर वीरेंद्र सोनी ने सपेरा बस्ती भीखमपुरा से ग्राउंड रिपोर्टिंग किया है।
नवीन जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के भीखमपुरा गांव की एक खास आबादी के लिए यह एक हैरत अंगेज हकीकत है। जहां बच्चों के खिलौने से लेकर परिवार की आय तक का साधन केवल सांप ही है । सरिया तहसील अंतर्गत भीखमपुरा गौशाला के समीप सपेरा बस्ती विगत 40 वर्षों से आश्चर्य किंतु सत्य की परिकल्पना को जीवंत बनाए हुए हैं। अनुसूचित जनजाति कि यह लोग आज भी सांप को ही अपनी रोजी, रोजगार का साधन बनाए हुए हैं । रोटी बेटी के संबंध जोड़ते समय या शादी ब्याह के दौरान सपेरा परिवार अपनी पुत्री को दहेज के रूप में 11 या 21 सांप देकर शादी संपन्न करते हैं। सपेरा समुदाय आज भी खानाबदोश जीवन जीने को मजबूर हैं।
मूलभूत समस्या से जूझ रहे हैं
सपेरा बस्ती के महिला पंच समारी सिदार एवं पंच अमरत सिदार दोनों पति पत्नी निर्वाचित पंच हैं और हम दोनों के द्वारा बार-बार हमारी बस्ती की मूलभूत समस्या को लेकर पंचायत में रखते हैं इसके बावजूद भी सपेरा बस्ती में आवास ,स्कूल ,आंगनबाड़ी शौचालय सामुदायिक भवन एवं मुक्तिधाम सहित मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। ऐसा नहीं है कि यह लोग शासन प्रशासन से गुहार नहीं लगाए हैं। बल्कि लगातार गुहार लगाने के बाद भी इनकी दशा में किसी भी प्रकार का कोई सुधार प्रशासन द्वारा नहीं किए जाने का आरोप सपेरा समुदाय ने लगाया है। हम लोग भी विकास करना चाहते हैं लेकिन हमारे बस्ती के प्रति शासन प्रशासन का ध्यान बिल्कुल भी नहीं है, जिसके कारण सपेरा परिवार वर्षों से अपेक्षित जीवन यापन करने को मजबूर हैं।
सपेरे ने बताया कि सांप दिखाकर एवं सांप पकड़ कर जीवन गुजर बसर करने की परंपरागत व्यवसाय से ऊब चुके हैं, हम लोग भी चाहते हैं कि खेती किसानी के लिए कुछ जमीन मिल जाए या रोजगार का सही जरिया उपलब्ध हो जाए ताकि हम भी समाज की मुख्य धारा से जुड़कर विकास कर सकेंगे सांप दिखाकर परिवार का भरण पोषण करना अब मुश्किल हो गया है यहां के अधिकांश लोग आवास हैं है यहां कोई भी जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक पहुंचते हैं तो सपेरे उन्हें अपनी समस्या बताते हुए गुहार लगाते हैं ताकि वे उनकी समस्या हल कर उन्हें सहयोग करेंगे लेकिन आज तक इनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तत्कालीन रायगढ़ जिला में कई बार आवेदन दिया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सांप पकड़ने की अद्भुत कला
सपेरा साधारण, नाग डोमिनाग तथा फन वाले सभी नाथ पकड़ते हैं लेकिन सबसे जहरीले सांप अहिराज को यह लोग नहीं पकड़ते हैं सांप पकड़ने के बारे में वरिष्ठ सपेरा फेकन सिदार (60) ने बताया कि यह अपने साथ एक कुत्ता रखते हैं और कुत्ता सांप बिल को खोदकर निकालते हैं भागते सांप के पूछ को कुत्ता आसानी से पकड़ लेते हैं यहां के पंच अमरत सिदार ने बताया कि सरिया बरमकेला या अन्य स्थान या घरों में सांप निकल जाए तो वे लोग हमारे सपेरा बस्ती आते हैं और यहां से एक दो व्यक्ति को अपने साथ ले जाते हैं हम उनके घर में छिपे सांपों को आसान से पकड़ कर उन्हें अन्यत्र छोड़ देते हैं । सपेरों ने बताया कि अपने पास जितना भी सांप पाल कर रखते हैं उनको अधिकतम 3 माह तक अपने पास रखते हैं।
पहले 24 परिवार के अब 80 – 90 परिवार हैं
सन 1990 में सपेरा लोग यहां आए थे तब इनकी परिवार की संख्या 24 थी और यह लोग करीब 80 -90 लोग थे। समय बीतता गया और सपेरा परिवार के सदस्य संख्या में बढ़ोतरी होती गई अब सपेरा बस्ती में 80 – 90 परिवार के साथ इनकी संख्या करीब 600 की है। पहले यहां एक बस्ती था जैसे-जैसे आबादी बढ़ी अब भीखमपुरा में सपेरों की दो बस्ती है। यहां ग्राम पंचायत भीखमपुरा के 2 वार्ड भी है। दोनों वार्डों में सपेरा परिवार के ही पंच निर्वाचित हुए हैं। सपेरों ने बताया कि हमारे दोनों बस्ती में करीब 100 से ज्यादा बच्चों की संख्या है । हम लोग अपने बच्चों को शिक्षा दिलाना चाहते हैं। यहां सुविधा के अभाव पर मात्र 20-25 बच्चे स्कूल जाते हैं । बाकी बच्चे घर में ही रहकर या सांप दिखाने का काम करते हैं।
शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सपेरा बस्ती में शौचालय तो बनाए गए हैं। लेकिन भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया है । आज तक शौचालय का उपयोग नहीं किया गया। आधा अधूरा निर्माण कार्य कर छोड़ दिया गया है। शौचालय में दरवाजा तक नहीं लगाया गया और ना ही गुणवत्ता के साथ काम किया गया है । जिसके कारण शौचालय खंडहर में तब्दील हो गए हैं । और निर्माण एजेंसी लाखों का भ्रष्टाचार कर सपेरा बस्ती में स्वच्छ मिशन अभियान का जनाजा निकाल दिया है। सोच के लिए महिलाओं को खुला मैदान में जाने को मजबूर हैं इसी तरह युवक-युवती एवं परिवार के अन्य सदस्य भी शौचालय के बाहर जाने को मजबूर हैं।
मुक्तिधाम नहीं
सपेरा बस्ती के लिए ना तो सड़क है और ना ही पेयजल की व्यवस्था। एक बस्ती में 16 नल कनेक्शन अभी हाल ही में दिया गया है। लेकिन पानी सप्लाई नहीं हुआ है। जिसके कारण पेयजल के लिए दूर जाना पड़ता है। इसी तरह सड़क नहीं होने से बीमार एवं गर्भवती को सड़क तक उठाकर लाया जाता है। तब जाकर एंबुलेंस के द्वारा मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जाता है। यहां मुक्तिधाम भी नहीं है। मुक्तिधाम के अभाव में सपेरा बस्ती वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पंचायत क्षेत्र में मुक्तिधाम हैं। लेकिन वहां हमारे समुदाय के लिए उपयोग करने पर मना किया जाता है।
सीनियर सिटीजन एवं दिव्यांग पेंशन से वंचित
विकासखंड बरमकेला अंतर्गत ग्राम पंचायत भीखमपुरा के वार्ड क्रमांक 11 एवं 12 सपेरा बस्ती कहलाता है। यहां सीनियर सिटीजन तथा दिव्यांग को पेंशन से वंचित कर दिया गया है । यहां के सिया बाई पति फेकन सिदार जो दिव्यांग महिला है । उनका पेंशन बंद कर दिया गया है। इसी तरह मुलीयत, पतरंगी बाई एवं अन्य लोगों को भी पेंशन नहीं मिल रहा है। इन्होंने शासन प्रशासन से गुहार लगाया है कि शासकीय योजना से हमें वंचित ना किया जाए । हम लोग गरीब परिवार से हैं । अब बड़ी मुश्किल से जीवन यापन कर रहे हैं।
आय जाति निवास के लिए भटक रहे हैं
भूमिहीन अनुसूचित जनजाति वर्ग के सपेरा समुदाय के लोगों को आय ,जाति ,निवास प्रमाण पत्र के लिए भटकना पड़ रहा है। इनका आय, जाति निवास प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है। जिसके कारण स्कूली बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । इस गंभीर समस्या से कक्षा सातवीं के छात्र बसंत सिदार एवं अन्य छात्र-छात्राएं एवं इनके पालक भटक रहे हैं।पंच अमरत सिदार ने बताया कि सपेरा समुदाय के लोगों का आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी पुत्री कुमारी पिंकी सिदार कक्षा 7 में अध्यनरत हैं । इसी तरह प्रिया एवं रिंकी भी स्कूल में पढ़ते हैं। उनकी आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के लिए उन्हें भटकना पड़ रहा है।
मतदाता जागरूकता की शपथ ली
ग्राम पंचायत भीखमपुरा में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें प्रशासन ने सपेरा बस्ती के लोगों के लिए भी मतदाता जागरूकता के तहत शपथ दिलाया गया । सपेरा बस्ती के लोगों ने शपथ में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।