दुर्ग। CG NEWS : राज्य में बीजेपी ने 21 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिया है। आगामी विधानसभा चुनाव में दुर्ग ग्रामीण में भाजपा से किसे टिकट मिलेगी, इसके लिए मतदाता इंतजार कर रहे है। तो वहीं दावेदारों की सांसे अटक हुई है।
दुर्ग ग्रामीण ओबीसी आरक्षित है लेकिन वर्चस्व की बात करें तो साहू और कुर्मी समाज की बहुलता देखीं जा सकती है। 2018 के चुनाव में भाजपा ने जागेश्वर साहू पूर्व मंत्री को टिकट दिया था उसे यहां के मतदाताओं ने पैराशूट प्रत्याशी समझकर 27000 मतों से हरा दिया था। वही तात्कालिक सांसद रहे ताम्रध्वज साहू ने जीत हासिल कर लिया था। 2013 विधानसभा के चुनाव में रमशिला साहू को BJP ने टिकट दिया, वह भी पैराशूट प्रत्याशी ही थी लेकिन दुर्ग ग्रामीण की जनता ने Congress प्रत्याशी प्रतिमा चंद्राकर से चल रहे नाराजगी, तो वहीं छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के प्रत्याशी रहे उर्वशी साहू के सीटी बजाने अर्थात(सीटी छाप) के कांग्रेस वोट में सेंध लगने से रमशिला साहू जीत गई वह कैबिनेट मंत्री भी रही और उनके कामकाज के तरीके व व्यवहार ने उन्हें यही का बना दिया।
इस बार प्रत्याशी कौन?
वैसे दुर्ग ग्रामीण में कुर्मी समाज और साहू समाज के वोटर ज्यादा हैं, बीजेपी के बारे में क्षेत्र में चर्चा है कि कुर्मी या साहू समाज से कोई प्रत्याशी कांग्रेस के कद्दावर मंत्री ताम्रध्वज साहू के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार सकती है। एक कद्दावर बीजेपी नेता प्रीतपाल बेलचंदन के गिरफ्तार होने के बाद कुर्मी समाज से मंडल अध्यक्ष फत्ते वर्मा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व वर्तमान सदस्य माया बेलचंदन, महामंत्री ललित चंद्राकर, किसान मोर्चा के अजीत चंद्राकर, पूर्व मंडल अध्यक्ष दिनेश देशमुख में से कोई एक नाम पर मोहर लगा सकती है।
साहू समाज से सबसे ऊपर रमशिला साहू का नाम चर्चा में है राजनीतिक पंडितों के माने तो पाटन और दुर्ग ग्रामीण में हमेशा कुर्मी और साहू समाज से ही अधिकतर टिकट दिए जाते रहे हैं। पाटन विधानसभा में बीजेपी से विजय बघेल का नाम फाइनल होने के बाद साहू समाज की दावेदारी बड़ गई है। वहीं उसके बाद पूर्व में प्रत्याशी रहे जागेश्वर साहू, मंडल अध्यक्ष गिरेश साहू, डॉ अनिल साहू, उमाशंकर साहू आदि नामों पर पार्टी विचार कर सकती हैं।