गरियाबंद – सावन की अंतिम सोमवार को गरियाबंद जिला मुख्यालय से तीन किमी दूर स्थित विश्व प्रसिद्ध भूतेश्वरनाथ शिवलिंग में भगवान भोलेनाथ का भव्य और ऐतिहासिक महाजलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया गया। 80 फिट से ज्यादा ऊंचाई से शिवलिंग पर दूध और जल अर्पण किया गया। यह पहला अवसर था जब भगवान भोलेनाथ का ऐसा भव्य महाजलाभिषेक किया गया। इसके लिए विशेष रूप से क्रेन की व्यवस्था की गई है। इस अवसर पर हजारो की संख्या में यहां पहुंचे शिवभक्त और श्रध्दालु इस ऐतिहासिक महाजलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के साक्षी बने। कार्यक्रम का आयोजन श्रीमहाकाल सेना द्वारा उत्तम सोनी और ऐश्वर्य यदु के नेतृत्व में भूतेश्वरनाथ सेवा समिति और नगर के युवाओं व वरिष्ठजनों ने सहयोग किया गया था।
इसके पहले मंत्रोपचार के साथ रुद्रतीरुद्राभिषेक और भगवान शिव की महाआरती की गई। शाम 5:30 बजे से महाअनुष्ठान शुरू किया गया। कवर्धा, मुंगेली और राजिम से आए महाराजगणो द्वारा रुद्रतीरुद्राभिषेक कराया गया। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालु में भी काफी उत्साह देखने को मिला। सभी भक्तिमय माहौल में डूबे नजर आए।
इधर, सावन के अंतिम सोमवारी को जिले के सभी शिवालयों में दिनभर जलार्पण के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। प्रसिद्ध मंदिर कुलेश्वर महादेव और भूतेश्वर नाथ मंदिर समेत सभी शिव मंदिरों में भगवान शिव का विशेष जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर विधिवत पूजा अर्चना की गई है। महिला-पुरूष, बच्चे व बुजुर्ग सभी ने भगवान शिव की उपासना कर सुख समृद्धि का आर्शीवाद मांगा।
यहां पूरे दिन भूतेश्वरनाथ मन्दिर में भक्तिमय माहोल देखने को मिला। दूर-दूराज से आए हजारों कावरियों और शिव भक्तों ने कतारबद्ध होकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। इस साल का आखिरी सावन सोमवार होने के चलते भक्तों की भीड़ उम्मीद से कहीं ज्यादा रहीं। वही पूरे दिन जिले के सभी शिवालय में हर-हर महादेव व बम-बम भोले के नारे गूंजते रहें। सम्भवत अंतिम सोमवार को पांच हज़ार से कावरियो और श्रध्दालुओ ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर अपने मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की।